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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत यात्रा पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर कहा कि हिंसा जल्द रुकनी चाहिए। भारत शांति प्रयासों में किसी भी तरीके से योगदान देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुलाकात से कुछ देर पूर्व रूसी विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी ऐसी बातें कही जा चुकी हैं।
हालात की जानकारी दी: प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि लावरोव ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन की स्थिति की ताजा जानकारी के साथ-साथ शांति के लिए हो रही वार्ता से अवगत कराया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा का दौर थमना चाहिए और भारत शांति प्रयासों में किसी भी तरीके से योगदान देने को तैयार है। रूसी विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को गत वर्ष दिसंबर में हुए भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों पर हुई प्रगति की भी जानकारी दी।
डॉलर छोड़ रुपया-रूबल में भुगतान किया जाए: इससे पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में लावरोव ने पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि रूस भारत के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करके डॉलर आधारित प्रणाली को दरकिनार करने का इच्छुक है। इसका मतलब है कि दोनों देश एक-दूसरे को उसकी मुद्राओं यानी रुपया और रूबल में भुगतान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें बाधाओं को दूर करने के तरीके खोजने होंगे।
अमेरिका और यूरोपीय देश विरोध कर रहे: भारत और रूस के बीच यह उच्च-स्तरीय बैठक उन संकेतों की पृष्ठभूमि में हुई जिसमें व्यापक छूट पर रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदने की भारत की संभावनाओं तथा द्विपक्षीय व्यापार के लिए रुपये-रूबल की विनिमय व्यवस्था की बात सामने आई। अमेरिका और यूरोपीय देश इसका विरोध कर रहे हैं तथा लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन बैठकों में भी यह मुद्दा छाया रहा।