Home Daily News Ukraine ke baad Russia ab Moldova par karega hamla? jaaniyr q Putin ke target me hai Kashmir jitna bada country | यूक्रेन के बाद रूस अब मोल्दोवा पर करेगा हमला? जानिए क्यों पुतिन के निशाने पर है कश्मीर जितना बड़ा देश

Ukraine ke baad Russia ab Moldova par karega hamla? jaaniyr q Putin ke target me hai Kashmir jitna bada country | यूक्रेन के बाद रूस अब मोल्दोवा पर करेगा हमला? जानिए क्यों पुतिन के निशाने पर है कश्मीर जितना बड़ा देश

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यूक्रेन पर हमले के दो महीने बाद भी रूस इस लड़ाई को जीत नहीं पाया है। इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस मोल्दोवा पर हमले की तैयारी में है। यूक्रेन ने यह दावा मोल्दोवा के ट्रांसनिस्ट्रिया इलाके में दो बम धमाकों के बाद किया। ट्रांसनिस्ट्रिया मोल्दोवा से लगा एक छोटा सा इलाका है, जहां रूस का सपोर्ट करने वाली सरकार है।

माना जा रहा है कि रूस 09 मई के आसपास मोल्दोवा पर हमला कर सकता है। ऐसा होने पर पुतिन ट्रांसनिस्ट्रिया की आजादी का ऐलान कर सकते हैं। दूसरे वर्ल्ड वॉर में जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की याद में रूस हर साल 09 मई को विक्ट्री डे मनाता है।

माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन से लेकर ट्रांसनिस्ट्रिया के बीच एक कॉरिडोर डेवलप करना चाहता है, जिससे उसके लिए यूक्रेन और मोल्दोवा दोनों पर हमला करना आसान हो जाएगा। 34 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला मोल्दोवा क्षेत्रफल के लिहाज से करीब जम्मू-कश्मीर (42 हजार वर्ग किलोमीटर) जितना बड़ा है।

सबसे पहले उस मोल्दोवा को जानते हैं जहां की 45% आबादी विदेशों में रहती है

  • मोल्दोवा पूर्वी यूरोप में यूक्रेन और रोमानिया के बीच में बसा एक देश है। वह 1991 तक सोवियत संघ का हिस्सा था।
  • 33 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले मोल्दोवा की आबादी करीब 26 लाख है, लेकिन इसके पास महज 7 हजार सैनिक ही हैं।
  • मोल्दोवा यूरोप का दूसरा सबसे गरीब देश है। इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर कमजोर होने की वजह से मोल्दोवा की GDP का 60% हिस्सा सर्विस सेक्टर से आता है।
  • मोल्दोवा की आबादी का करीब 45%, यानी 12 से 15 लाख लोग विदेश में काम करते हैं।
  • मोल्दोवा अपनी गैस की 100% जरूरतों के लिए भी रूस पर निर्भर है।
  • 1992 में मोल्दोवा से अलग हुए ट्रांसनिस्ट्रिया से मोल्दोवा के संबंध अच्छे नहीं है। ट्रांसनिस्ट्रिया रूसी प्रभाव वाला इलाका है।
  • ​​​​​वो 3 मकसद जिन्हें पूरा करने के लिए मोल्दोवा पर हमले की ताक में है रूस

    ब्रिटिश डिफेंस एनालिस्ट्स ने रूस के मोल्दोवा पर हमले के तीन संभावित मकसद बताए हैं-

    पहला: मोल्दोवा पर कब्जे से रूस के लिए यूक्रेन के खिलाफ एक नया मोर्चा खोलने का मौका मिल जाएगा। इससे रूसी सेनाएं पश्चिम की ओर से यूक्रेन के ब्लैक सी पोर्ट शहर ओडेसा की ओर आसानी से बढ़ पाएंगी। ट्रांसनिस्ट्रिया से ओडेसा की दूरी महज 40 किलोमीटर है। यूक्रेन ब्लैक सी से कट जाएगा।

    दूसरा: इससे रूस मोल्दोवा को यूरोप के करीब जाने से रोक पाएगा। मोल्दोवा मार्च 2022 में यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के लिए आवेदन कर चुका है।

    तीसरा: रूस पश्चिमी देशों को ये संदेश देना चाहता है कि यूक्रेन की और मदद का मतलब होगा इस क्षेत्र में और अशांति।

  • अब ट्रांसनिस्ट्रिया के बारे में जानते हैं जिसे रूस फ्री गैस के साथ बुजुर्गों को देता है पेंशन

    ट्रांसनिस्ट्रिया यूक्रेन और मोल्दोवा के बीच स्थित 4 हजार वर्ग किलोमीटर का एक संकरा जमीन का टुकड़ा है। यहां 26 अप्रैल को दो बम धमाके हुए, जिनमें दो रूसी भाषा में प्रसारण करने वाले रेडियो स्टेशनों को नुकसान पहुंचा। एक दिन पहले कुछ हमलावरों ने तिरस्पोल में देश के सुरक्षा मंत्रालय की इमारत पर ग्रेनेड लॉन्चर से हमला किया था।

    1992 में मोल्दोवा से अलग होने के बाद से ही ट्रांसनिस्ट्रिया में रूस समर्थित अलगाववादियों की सरकार है। हालांकि, ट्रांसनिस्ट्रिया को रूस समेत किसी देश ने मान्यता नहीं दी है। ट्रांसनिस्ट्रिया की आबादी 4.70 लाख है, जिनमें रूसी और यूक्रेनी मूल के लोगों की संख्या मोल्दोवन आबादी से ज्यादा है।

    शुरू से ही ट्रांसनिस्ट्रिया के रूस से बेहद करीबी संबंध रहे हैं। ट्रांसनिस्ट्रिया में रूसी बोलने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है। रूस इसे फ्री गैस मुहैया करता है और यहां के बुर्जुगों को पेंशन भी देता है। ट्रांसनिस्ट्रिया में 1500 रूसी सैनिक हैं, जबकि उसके अपने करीब 7.5 हजार सैनिक हैं।

    ट्रांसनिस्ट्रिया में तैनात रूसी सैनिकों में से 100 के करीब ही रूसी मूल के हैं, बाकी के सैनिक ट्रांसनिस्ट्रिया के ही हैं, जिन्हें रूसी पासपोर्ट दिया गया है।

    ट्रांसनिस्ट्रिया के कोबासन इलाके में रूस का 20 हजार टन विस्फोटक रखा है, जो पूर्वी यूरोप में सबसे बड़ा विस्फोट का भंडार है। मोल्दोवा को डर है कि अगर इस बारूद में धमाका हुआ तो 2020 में बेरूत में हुए बम ब्लास्ट से भी बड़ा धमाका होगा, जिसमें 2 हजार टन विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था और 218 लोगों की मौत हुई थी।

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