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कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के लिए आज यानी मंगलवार की शाम कोलकाता पहुंचेंगे। वहीं कल यानी बुधवार को जेपी नड्डा नेशनल लाइब्रेरी में राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करेंगे। इसके अलावा 9 जून को जेपी नड्डा कला मंदिर में सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ परिचर्चा में शामिल होंगे। वह भाजपा विधायकों और सांसदों के साथ अलग-अलग बैठक में भी शामिल होंगे। भाजपा की राज्य समिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली कार्यकारिणी बैठक है। बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद से ही भाजपा के अंदर बार-बार खींचतान सामने आ रही है।
सांसदों और विधायकों को रोकना बड़ी चुनौती
नड्डा का यह बंगाल दौरा उस वक्त हो रहा है जब राज्य में बाबुल सुप्रियो, अर्जुन सिंह और जयप्रकाश मजूमदार समेत भाजपा के नेता पार्टी छोड़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं। हाल में तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस ओर इशारा किया था कि काफी संख्या में भाजपा सांसद व विधायक तृणमूल में शामिल होने को हैं। ऐसे में भाजपा के एक नेता के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव आने वाले हैं जिससे पहले भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सांसदों और विधायकों को पार्टी में बनाये रखना चाहता है जिस कारण जेपी नड्डा जल्दी में बंगाल आ रहे हैं।
2024 का राेड मैप बनाने के निर्देश
वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है और इसके लिए भाजपा अभी से तैयारी में जुट गयी है। विभिन्न राज्यों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दौरे हो रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के पीछे यह एजेंडा भी है। कोलकाता में हाेने वाली बैठकों में वह 2024 के लिए रोड मैप तैयार करने हेतु निर्देश दे सकते हैं।
सांवैधानिक तरीके से सरकार को हराने की रणनीति बनेगी
यहां उल्लेखनीय है कि हाल में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल आये थे तो उस समय पार्टी की अंदरूनी बैठक में बंगाल में राष्ट्रपति शासन जारी करने की मांग उठी थी। हालांकि इसे अमित शाह ने एक तरह से खारिज कर दिया था और कहा था कि ऐसा करने से नकारात्मक असर हम पर पड़ सकता है। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि जेपी नड्डा भी अपने बंगाल दौरे में इन तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं कि किस प्रकार सांवैधानिक तरीके से पश्चिम बंगाल की सरकार को हराना है।
बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर जोर
जेपी नड्डा अपने बंगाल दौरे में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दे सकते हैं। गत विधानसभा चुनाव समेत अन्य उपचुनावाें में भाजपा के खराब प्रदर्शन का कारण कमजोर संगठन था। ऐसे में इस बार बूथ स्तर तक संगठन के विस्तार पर बल देने की बात नड्डा कर सकते हैं। इसके अलावा बूथ को लेकर सही रिपोर्ट पेश करने संबंधी आपसी विवादों को खुलकर सबके सामने ना लाने जैसे निर्देश भी नड्डा अपने बंगाल दौरे के दौरान दे सकते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिनों के लिए राज्य का दौरा किया था और अब जेपी नड्डा जून के पहले सप्ताह में दो दिनों के लिए यहां आ रहे हैं
सांसदों और विधायकों को रोकना बड़ी चुनौती
नड्डा का यह बंगाल दौरा उस वक्त हो रहा है जब राज्य में बाबुल सुप्रियो, अर्जुन सिंह और जयप्रकाश मजूमदार समेत भाजपा के नेता पार्टी छोड़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं। हाल में तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस ओर इशारा किया था कि काफी संख्या में भाजपा सांसद व विधायक तृणमूल में शामिल होने को हैं। ऐसे में भाजपा के एक नेता के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव आने वाले हैं जिससे पहले भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सांसदों और विधायकों को पार्टी में बनाये रखना चाहता है जिस कारण जेपी नड्डा जल्दी में बंगाल आ रहे हैं।
2024 का राेड मैप बनाने के निर्देश
वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है और इसके लिए भाजपा अभी से तैयारी में जुट गयी है। विभिन्न राज्यों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दौरे हो रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के पीछे यह एजेंडा भी है। कोलकाता में हाेने वाली बैठकों में वह 2024 के लिए रोड मैप तैयार करने हेतु निर्देश दे सकते हैं।
सांवैधानिक तरीके से सरकार को हराने की रणनीति बनेगी
यहां उल्लेखनीय है कि हाल में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल आये थे तो उस समय पार्टी की अंदरूनी बैठक में बंगाल में राष्ट्रपति शासन जारी करने की मांग उठी थी। हालांकि इसे अमित शाह ने एक तरह से खारिज कर दिया था और कहा था कि ऐसा करने से नकारात्मक असर हम पर पड़ सकता है। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि जेपी नड्डा भी अपने बंगाल दौरे में इन तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं कि किस प्रकार सांवैधानिक तरीके से पश्चिम बंगाल की सरकार को हराना है।
बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर जोर
जेपी नड्डा अपने बंगाल दौरे में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दे सकते हैं। गत विधानसभा चुनाव समेत अन्य उपचुनावाें में भाजपा के खराब प्रदर्शन का कारण कमजोर संगठन था। ऐसे में इस बार बूथ स्तर तक संगठन के विस्तार पर बल देने की बात नड्डा कर सकते हैं। इसके अलावा बूथ को लेकर सही रिपोर्ट पेश करने संबंधी आपसी विवादों को खुलकर सबके सामने ना लाने जैसे निर्देश भी नड्डा अपने बंगाल दौरे के दौरान दे सकते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिनों के लिए राज्य का दौरा किया था और अब जेपी नड्डा जून के पहले सप्ताह में दो दिनों के लिए यहां आ रहे हैं