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तीसरी लहर कम घातक : सूत्रों ने कहा कि वयस्कों का टीकाकरण बेहतर होने से देश में कोरोना की तीसरी लहर कम घातक पाई गई है। दूसरे, देश में करीब-करीब सभी क्षेत्रों की गतिविधियां अब कोरोना के साथ-साथ चलने लगी हैं। स्कूल ही सिर्फ ऐसे हैं, जो कोरोना के कारण पिछले दो साल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। 15 साल से अधिक आयु के बच्चों को भी टीकाकरण शुरू किए जाने से कोरोना के विरुद्ध जंग मजबूत हुई है।
साथ ही आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से 12 साल के ऊपर के बच्चों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है।
बच्चों में घातक प्रभाव नगण्य : सरकारी सूत्रों ने कहा कि कोरोना की तीनों लहरों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है तथा यह पाया गया है कि बच्चों में इसका घातक प्रभाव नगण्य रहा है। जबकि स्कूलों के लगातार बंद रहने से बच्चों की सीखने की क्षमता प्रभावित होने तथा बच्चों में मानसिक अवसाद बढ़ने के संकेत लगातार आ रहे हैं।
स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए प्रयास : स्वास्थ्य मंत्रालय इस मुद्दे पर कई दौर की बैठकें कर चुका है, जिसमें विशेषज्ञ भी स्कूल-कॉलेज खोलने के पक्ष में है। सूत्रों ने कहा कि यह तय है कि भविष्य में भी स्कूल पहले की भांति पूरी क्षमता से नहीं खुल सकेंगे, लेकिन कम क्षमता के साथ इन्हें शुरू किया जा सकता है।