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नई दिल्ली। प्रगति मैदान टनल खुलने के बाद रिंग रोड के ऊपर वाहनों का दबाव बढ़ गया है। रिंग रोड के करीब छह किलोमीटर लंबे हिस्से (भैरों मार्ग टी प्वॉइंट से गोल चक्कर पार्क तक) में जाम का संकट बढ़ रहा है।
खासकर रिंग रोड पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के टी-प्वॉइंट से गोल चक्कर पार्क (आश्रम के निकट) के बीच सबसे बड़ी समस्या है। यहां सुबह और शाम के वक्त भीषण जाम लग रहा है। टनल खुलने के बाद से समस्या और बढ़ने के आसार है। ऐसी स्थिति में रिंग रोड के इस हिस्से के चौड़ीकरण और सराय काले खां रेलवे स्टेशन के सामने अंडरपास बनाने की सख्त जरूरत जताई गई है। इनका काम पहले ही प्रस्ताव के हिसाब से करीब चार साल पीछे चल रहा है।
गौरतलब है कि बीते सोमवार से प्रगति मैदान टनल को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इससे रिंग रोड पर प्रगति मैदान टी-प्वॉइंट से गोल चक्कर पार्क तक करीब 20 फीसदी वाहनों का दबाव बढ़ने की संभावना है। क्योंकि, अभी तक टनल न खुलने के कारण जाम की स्थिति को देखते हुए नई दिल्ली से पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा जाने वाले वाहन काफी संख्या में आईटीओ से होते हुए सचिवालय के सामने से अक्षरधाम मंदिर रोड पर निकल जाते थे। अब नोएडा, गाजियाबाद जाने के लिए बड़ी संख्या में वाहन इंडिया गेट सर्कल से होते हुए रिंग रोड पर पहुंचेंगे।
2017 में ही जताया था अनुमान : वर्ष 2017 में जब प्रगति मैदान टनल का प्रस्ताव फाइल किया गया था, उस वक्त ही माना गया था कि टनल बनने पर रिंग रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ेगा। इसके लिए रिंग रोड के करीब छह किलोमीटर लंबे हिस्से को जाम फ्री बनाने के लिए दो मुख्य काम करने होंगे। पहला, सड़क का चौड़ीकरण किया जाए। साथ ही जहां पर टी-प्वॉइंट हैं वहां अंडरपास बनाए जाएं, जिससे ट्रैफिक सिग्नल को हटाकर वाहनों की सीधे आवाजाही हो सके। लेकिन, इस पर कोई अहम फैसला नहीं हुआ।
वाहनों का दबाव और बढ़ेगा : रिंग रोड के इस हिस्से में आने वाले दो वर्षों में वाहनों का दबाव और बढ़ेगा, क्योंकि इस हिस्से से दो नए एक्सप्रेसवे भी जुड़ने जा रहे हैं। एनएचएआई का अनुमान है कि दोनों नए एक्सप्रेसवे बनने पर रिंग रोड के इस हिस्से पर वाहनों का दबाव और बढ़ेगा।