Home Business news Online game khel kar bade amount me paise jeetne waale ko ab penalty ke saath dena hoga tax | ऑनलाइन गेम्स में मोटी रकम जीतकर टैक्स नहीं चुकाने वालों पर कसेगा शिकंजा, पेनाल्टी के साथ देना होगा टैक्स

Online game khel kar bade amount me paise jeetne waale ko ab penalty ke saath dena hoga tax | ऑनलाइन गेम्स में मोटी रकम जीतकर टैक्स नहीं चुकाने वालों पर कसेगा शिकंजा, पेनाल्टी के साथ देना होगा टैक्स

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Tax On Gaming Industry: वित्त वर्ष 2019-20 से 2021-22 के दौरान ऑनलाइन गेम्स में जीतने वालों को गेमिंग पोर्टल ने 58,000 करोड़ रुपये बांटे हैं.

Tax On Gaming Industry: ऑनलाइन गेम्स ( Online Games) में मोटी रकम जीतने वालों पर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की नजर है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने ऑनलाइन गेम्स में जीतकर पैसा कमाने वालों को अपडेटेड आयकर रिटर्न ( Updated ITR) दाखिल कर सही आय का खुलासा करने और इसपर टैक्स (Tax) का भुगतान करने को कहा है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा कि एक गेमिंग पोर्टल (Gaming Portal) ने बीते तीन सालों वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2021-22 के दौरान ऑनलाइन गेम्स में जीतने वालों को 58,000 करोड़ रुपये बांटे हैं. जबकि गेम जीतने वालों में से किसी ने भी जीती हुई रकम पर टैक्स नहीं दिया है. सीबीडीटी ने विजेताओं को अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल कर सही आय का खुलासा करने और इसपर टैक्स का भुगतान करने को कहा है. 

सीबीडीटी के हिदायत के बाद ऑनलाइन गेम्स वितेजाओं को ब्याज के साथ बिना किसी रिबेट के कुल 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा. इन लोगों को टैक्स के साथ पेनाल्टी का भी भुगतान करना होगा. ये सभी गेमिंग पोर्ट्ल में रकम जीतने वाले वितेजाओं पर लागू होता है. 

दरअसल फाइनैंस एक्ट 2022 के जरिए इनकम टैक्स कानून में बदलाव किया गया था जिसमें अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का प्रावधान है. इन प्रावधान के जरिए टैक्सपेयर्स को इनकम रिटर्न में सुधार करने का मौका दिया जाता है. और टैक्सपेयर्स दो वित्त वर्ष के आईटीआर में सुधार कर सकते हैं. मौजूदा समय में टैक्सपेयर्स 2019-20 और 2020-21 वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न में सुधार कर सकते हैं. 

अपडेटेड रिटर्न में टैक्सपेयर्स को सही आय का खुलासा करना होगा. इस दौरान टैक्सपेयर्स को 25 फीसदी ज्यादा टैक्स ब्याज के साथ भुगतान करना होता है. अगर 12 महीने के भीतर अपडेटेड रिटर्न नहीं भरा गया तो 12 महीने से लेकर 24 महीने के भीतर अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैक्स ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ेगा. 

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