Home Business news NCLAT ne CCI ke decision par rahe kayam, Amazon ko 45 days me deposit karne honge 200 crore ki fine | NCLAT ने CCI के फैसले को रखा बरकरार, अमेजन को 45 दिन में जमा करने होंगे जुर्माने के ₹200 करोड़

NCLAT ne CCI ke decision par rahe kayam, Amazon ko 45 days me deposit karne honge 200 crore ki fine | NCLAT ने CCI के फैसले को रखा बरकरार, अमेजन को 45 दिन में जमा करने होंगे जुर्माने के ₹200 करोड़

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अमेजन को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से झटका लगा है। फ्यूचर डील केस में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के आदेश को NCLAT ने बरकार रखा है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।

CCI ने अमेजन और फ्यूचर ग्रुप की डील को सस्पेंड कर दिया था। NCLAT ने अमेजन को जुर्माने के भुगतान के लिए 45 दिन का समय दिया है। अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज ने CCI के दिसंबर 2021 के फैसले को चुनौती देने के लिए NCLAT में अपील की थी।

2019 में हुई थी फ्यूचर-अमेजन डील
साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन (FPCL) में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आरोप लगाया था कि अमेजन का FPCL में 49% हिस्सेदारी का मकसद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को इंडायरेक्ट रूप से कंट्रोल करना था। इन्हीं आरोपों को ध्यान में रखते हुए CCI ने इस डील को सस्पेंड कर दिया था।

अमेजन-फ्यूचर विवाद कैसे शुरू हुआ?
अमेजन और फ्यूचर कूपन की डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था, लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल ने 24,713 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा की। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ। फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया।

अमेजन ने कहा रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चलता रहा। विवाद के बीच बीते दिनों रिलायंस ने फ्यूचर के साथ अपनी डील को कैंसिल कर दिया। हालांकि, इस डील को कैंसिल करने के बाद भी फायदा रिलायंस को ही मिला।

ऐसा इसलिए क्योंकि किराया नहीं दे पाने के कारण फ्यूचर ग्रुप के करीब 1,400 स्टोर्स में से 900 स्टोर का टेकओवर रिलांयस कर चुका है। भले ही उसे इन स्टोर्स के टेकओवर में बिग बाजार और फ्यूचर ग्रुप के अन्य ब्रांड्स का नाम नहीं मिला, लेकिन वो सभी प्राइम लोकेशन मिल गईं जहां से रिलायंस अपने खुद के नाम से स्टोर ऑपरेट कर सकता है।

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