Politics News
यूपी में 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव की तारीखों में बदलाव हो गया है। अब 15 मार्च को नामांकन और 9 अप्रैल को मतदान होगा। नतीजे 12 अप्रैल को सामने आएंगे। पहले चुनाव आयोग ने 3 मार्च और 7 मार्च को चुनाव कराने का ऐलान किया था, लेकिन अब चुनाव आयोग ने अपने फैसले को बदल दिया है।
स्थानीय निकाय प्राधिकारी चुनाव को लेकर सियासी दलों पर भी दबाव था। विधानसभा चुनाव के बीच में विधान परिषद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाने से वो असमंजस की स्थिति में थे।
इन सदस्यों के वोट से चुने जाते हैं MLC
विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की सीटों पर जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य, शहरी निकायों नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के सदस्यों के साथ ही कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य भी वोटर होते हैं। 2016 में 30 जनवरी को इसका कार्यक्रम जारी हुआ था और 3 मार्च को चुनाव हुए थे। सदस्यों ने 7 मार्च को शपथ ली थी। विधान परिषद सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं। लिहाजा इनका कार्यकाल 7 मार्च को खत्म होगा।
36 सीटों पर होगा चुनाव
लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरी, अलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ-गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर।
नतीजे बदलेंगे, तो बदल जाएगा परिषद का गणित
स्थानीय निकाय की 36 सीटों के नतीजे विधान परिषद की पूरी गणित बदलकर रख देंगे। 2016 में समाजवादी पार्टी ने 31 सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल कर लिया था। खास बात यह है कि 8 सीटों पर सपा और 2 सीटों पर बसपा निर्विरोध जीती थी। रायबरेली से कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह को जीत हासिल हुई थी। बनारस से माफिया बृजेश सिंह और गाजीपुर से विशाल सिंह ‘चंचल’ चुने गए थे।
दिनेश प्रताप सिंह और विशाल सिंह चंचल दोनों ही इस समय भाजपा का दामन थाम चुके हैं। यूपी उच्च सदन में इस समय सपा के 48, भाजपा के 33, बसपा के 6 सदस्य हैं। सत्तारुढ़ भाजपा इन चुनावों में अधिक से अधिक सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल करना चाहेगी। वहीं, सपा की नजर सीटें बचाने पर होगी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले होने वाले इन चुनावों को जीतकर पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी मजबूत दावेदारी का संदेश देने में भी जुटेगा।
रैलियों में मिली छूट
कोरोना केस में लगातार कमी के चलते चुनाव आयोग ने रैलियों में कुछ छूट दी है। अब तक 500 लोगों को खुले में जनसभा की अनुमति थी, जिसे बढ़ाकर 1000 या मैदान की क्षमता की 50% कर दी गई है। इसके अलावा इनडोर मीटिंग में 300 लोगों की जगह 500 लोग या हॉल की क्षमता के 50% लोग शामिल हो सकेंगे। घटते कोरोना मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रचार में ढील दी है। आयोग ने सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर घर-घर जाकर प्रचार करने की सीमा को भी 10 व्यक्तियों से बढ़ाकर 20 व्यक्तियों तक कर दी है।