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इस्लामाबाद,एजेंसी। अविश्वास प्रस्ताव के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम देश की आवाम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, रविवार को इस मुल्क का फैसला होगा। नतीजा चाहे जो भी हो मैं आखिरी गेंद तक मुकाबला करूंगा,हार नहीं मानूंगा।
और ताकतवर होकर लौटूंगा:अपने भावुक संबोधन में इमरान ने कहा, मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी मेरे 22 करोड़ लोग हैं। रविवार को यह पता लगेगा कि क्या मुल्क वही गुलाम नीति, भ्रष्ट लोग की तरफ जाएगा या हमारे साथ चलेगा। किसी ने मुझसे कहा कि आप इस्तीफा दे दें। जो लोग मेरे साथ क्रिकेट खेलते थे वो जानते हैं, मैं आखिरी बॉल तक मुकाबला करता हूं। मैंने कभी हार नहीं मानी। वोट का जो भी नतीजा हो, मैं उसके बाद और मजबूती से आऊंगा। मैं चाहता हूं कि मेरी सारी कौम देखे कि कौन जाकर अपने जमीर का सौदा करेगा
अमेरिका का लिया नाम : राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इमरान खान ने अमेरिका का नाम लिया,हालांकि बाद में उन्होंने इसे सुधार लिया। इमरान ने कहा, मैं किसी मुल्क का नाम तो नहीं लूंगा, लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि आठ मार्च को एक देश से हमें संदेश आता है, जिसमें बताया जाता है कि वे पाकिस्तान पर क्यों गुस्सा हैं। उनका कहना था कि यदि इमरान खान को हटा दिया जाता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किए जाने पर पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
मेरी विदेश नीति भारत विरोधी नहीं थी : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने आजाद विदेश नीति की बात कही, लेकिन उसका मतलब किसी देश से दुश्मनी नहीं थी। भारत में सबसे ज्यादा लोग मुझे जानते थे, अमेरिका में लोग मुझे जानते हैं, ब्रिटेन मेरा दूसरा घर था। हमने सिर्फ दूसरे देशों की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। जनरल मुशर्रफ की सबसे बड़ी गलती थी कि 80 के दशक में हम अमेरिका के सहयोगी बन गए। हम सोवियत के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। जैसे ही जंग खत्म हुई अमेरिका और सोवियत यहां से चले गए और दो साल बाद अमेरिका ने हमारे ऊपर प्रतिबंध लगा दिए। सरकार बनते ही मैंने कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति हमारे लोगों के लिए होगी। यह भारत या अमेरिका विरोधी नहीं थी।
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