Business News
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और महंगाई को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों ने संसद ठप कर दी। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल तुरंत इस पर चर्चा की मांग कर रहे थे पर अनुमति नहीं मिली। नाराज विपक्ष अड़ा रहा जिससे राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीं, लोकसभा में विपक्षी दलों ने भारी हंगामे के बाद वॉकआउट कर दिया।
राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल, तृणमूल के अबीर रंजन विश्वास, भाकपा के विनय विश्वम समेत कई विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस के दाम में हुई वृद्धि पर चर्चा के नोटिस दिए थे। द्रमुक के तिरूची शिवा ने शून्यकाल स्थगित कर चर्चा की मांग की।
नोटिस अस्वीकार होने पर हंगामा : सभापति एम. वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयकों पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर बात रखने का पर्याप्त मौका मिल चुका है। इसके बाद विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के पास नारेबाजी करने लगे। दो बार स्थगन के बाद दोपहर दो बजे भी स्थिति जस की तस रही।
चर्चा न कराने का आरोप:जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के काम पर चर्चा का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम पुकारा। तभी तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रयान ने कहा, कई सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दों पर नोटिस दिए हैं। लेकिन सरकार महंगाई पर चर्चा नहीं चाहती। उन्होंने कहा, सरकार महिला आरक्षण संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा करे। इस पर यादव ने कहा, नियम 138 एक याचिका है, इसका सदन से वास्तानहीं।
देवेगौड़ा भी नहीं रख सके बात:इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए लेकिन शोर-शराबे के चलते नहीं बोल सके। हंगामा नहीं थमने पर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा से वॉकआउट:लोकसभा में भी विपक्षी दलों ने कीमतों में वृद्धि का विरोध किया। जब बात नहीं सुनी गई तो कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों, शिवसेना के सदस्य वॉकआउट कर गए।
और पढ़े https://www.starnewshindi.com/2022/04/metro-phase-4-ke-har-4th-station-par.html