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कोलकाता : हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी के डिविजन बेंच ने चार नगरनिगमों के चुनाव टाले जाने के बाबत राज्य चुनाव आयोग को 48 घंटे के अंदर फैसला लेने का आदेश दिया है। इसबीच सूत्र बताते हैं कि तृणमूल की ओर से चुनावों को 15 दिनों तक टालने की अपील राज्य चुनाव आयोग से शुक्रवार की शाम की गयी। इस तरह अब निगम चुनावों की तिथि आगे बढ़ने की प्रबल सम्भावना है। यहां गौरतलब है कि नगरनिगमों के चुनाव टाले जाने को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसकी सुनवायी के बाद बेंच ने उपरोक्त आदेश दिया है।
इसके साथ ही पिटिशनर विमल भट्टाचार्या को आदेश दिया है कि इस संदर्भ से जुड़े सारे दस्तावेज और कोविड की मौजूदा परिस्थिति के बारे में चुनाव आयोग को बगैर किसी विलंब के जानकारी दे। चुनाव आयोग इन पर गौर करते हुए अपना फैसला लेगा। एडवोकेट विक्रम बनर्जी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को विधाननगर, आसनसोल, सिलीगुड़ी और चंदननगर नगरनिगमों के चुनाव होने हैं। इसके साथ ही बेंच ने चुनाव आयोग से कहा है कि क्या इन परिस्थितियों में चुनाव कराना जनहित में होगा। क्या इन परिस्थितियों में निर्धारित तिथियों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव होगा। इसके साथ ही डिविजन बेंच ने चुनाव आयोग के एक भ्रम को भी दूर कर दिया है। चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव को टालना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जबतक कि राज्य सरकार डिजेस्टर एंड मैनेजमेंट एक्ट के तहत ऐसा करने के लिए नहीं कहे। डिविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि संविधान की धारा 243-जेडए के तहत नगरनिगमों का चुनाव कराने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग में निहित है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि धारा 243-जेडजी (ए) के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद से परिणाम घोषणा होने तक कोर्ट के दखल देने पर रोक है, लेकिन चुनाव आयोग पर यह लागू नहीं होता है।