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नई दिल्ली। भड़काऊ बयान देने वालों पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और स्वामी यति नरसिंहानंद समेत 32 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन पर नफरत भरे संदेश फैलाने एवं सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का आरोप है। पुलिस ट्विटर और फेसबुक से भी इनके सोशल मीडिया खातों की जानकारी मांगने जा रही है।
स्वत: संज्ञान लिया: दिल्ली पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है। पुलिस की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा का कहना है कि भाजपा नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया का विश्लेषण किया गया, जिसके आधार पर आरोपियों की सूची तैयार की गई। नूपुर के बयान से पहले और बाद में जो भी ट्वीट हुए और सोशल मीडिया पर विवादित बयान आए, उनकी पड़ताल करने के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है। इनमें 32 लोगों के नाम हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी कार्रवाई की रिपोर्ट: सूत्रों की मानें तो भड़काऊ भाषण मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद गृह मंत्रालय को दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने रिपोर्ट सौंपी। मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, जो शांति भंग करने और विभाजनकारी आधार पर लोगों को भड़काने के लिए संदेश पोस्ट तथा साझा कर रहे थे। जल्द ही सभी को नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी।
नोटिस भेजे जा रहे: दिल्ली पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी नजर है। ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों को नोटिस भेजकर ऐसे सोशल मीडिया खातों से जुड़ी जानकारी मांगी जा रही है।
दंगा भड़काने के प्रयास की धाराओं में मुकदमा: दिल्ली पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 295 (किसी भी धर्म के अपमान के इरादे से प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
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