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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने उग्रवाद प्रभावित रहे पूर्वोत्तर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार का हवाला देते हुए एक अप्रैल से सशस्त्रत्त् बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत आने वाले क्षेत्रों को घटाने का ऐलान किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पिछले कुछ वर्षों से इस अधिनियम को हटाने की मांग उठाई जा रही थी।
नया युग शुरू: गृहमंत्री शाह ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता के कारण हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। सरकार ने नगालैंड, असम व मणिपुर में दशकों बाद आफ्स्पा के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।
उग्रवादी घटना में कमी: गृहमंत्रालय का कहना है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान केंद्र ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्त करने और शांति लाने के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका असर साफ नजर आया है। वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2021 में पूर्वोत्तर में उग्रवादी घटनाओं में 74 फीसदी की कमी आई है। सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में भी क्रमश: 60 फीसदी और 84 फीसदी की कमी आई है।
आकलन पर आधारित P 08