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रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 15वां दिन है। रूस-यूक्रेन जंग में पहली बार CIA चीफ विलियम बर्न्स का बयान आया है। बर्न्स ने कहा- चीन की इंटेलिजेंस एजेंसियां अपने राष्ट्रपति को पुतिन के इरादों के बारे में बताने में नाकाम रहीं। चीन की इमेज को इससे काफी नुकसान हुआ। हमें लगा था कि चीन और रूस इंटेलिजेंस शेयरिंग कर रहे हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इसके सबूत अब सामने आ रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार रात जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से बातचीत की। इसके बाद कहा- सीजफायर के लिए रूस के राष्ट्रपति जो शर्तें रख रहे हैं, वो किसी भी सूरत में और किसी को कबूल नहीं हो सकतीं। अमन की उम्मीद तो की जा सकती है, लेकिन कोई ठोस आधार तो हो।
जेलेंस्की और बाइडेन के आरोप
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस के हमले की वजह से उनके देश को अब तक करीब 100 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। जेलेंस्की का बयान उनके इकोनॉमिक एडवाइजर ने जारी किया। दूसरी तरफ, जो बाइडेन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका में 40 साल की सबसे ज्यादा महंगाई है और इसकी वजह पुतिन की हरकतें हैं।
बाइडेन ने क्या कहा
अमेरिका में महंगाई दर 7.9% हो गई है। इसे 40 साल की सबसे ज्यादा महंगाई दर माना जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडेन का कहना है कि इसकी एक वजह रूस का यूक्रेन पर हमला और पुतिन की जिद है। यूएस प्रेसिडेंट ने कहा- ये सही है कि अमेरिका में महंगाई दर 40 साल में सबसे ज्यादा है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति को इस हरकत की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम बहुत जल्द कीमतों पर काबू पा लेंगे।
मारियुपोल मेटर्निटी अस्पताल पर रूस का हमला
यूक्रूेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा- मारियुपोल अस्पताल पर रूस ने हमला किया है। लोग, बच्चे मलबे में दबे हैं। अत्याचार! दुनिया कब तक आतंक को नजरअंदाज करती रहेगी? फौरन नो फ्लाय जोन घोषित किया जाए! हत्याएं बंद की जाएं! आपके पास ताकत है, लेकिन ऐसा लगता है कि हम इंसानियत खो रहे हैं।’
बातचीत नाकाम
गुरुवार को तुर्की के एंटाल्या शहर में रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों की बातचीत नाकाम हो गई। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा- बातचीत में हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। सीजफायर पर तो बातचीत भी नहीं हुई। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की चाहें तो हमारे प्रेसिडेंट व्लादिमिर पुतिन उनसे मीटिंग को तैयार हैं। आज नहीं तो कल, बातचीत तो करनी ही होगी।
अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस ने नाटो देशों को भरोसा दिलाया है कि अगर उन पर किसी तरह की आंच आई तो अमेरिका हर कीमत पर उनकी हिफाजत करेगा। हैरिस ने कहा- हमारे किसी भी सहयोगी पर हमला, अमेरिका पर हमला माना जाएगा। हमने करीब 5 हजार सैनिक और पैट्रियट मिसाइलें पोलैंड में तैनात की हैं। फूड प्रोग्राम के लिए 50 लाख डॉलर रिलीज कर दिए गए हैं।
अमेरिका की वॉर्निंग
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस की सेना यूक्रेन पर केमिकल अटैक कर सकती है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा- अमेरिका की जैविक हथियार प्रयोगशालाओं और यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के विकास के बारे में रूस के दावे बेतुके हैं। इन दावों के जरिए वो भविष्य में हमलों के लिए जमीन तैयार कर रहा है।
एक-दूसरे पर आरोप
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रवादी लोग नागरिकों की निकासी में रुकावटें डाल रहे हैं। वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि रूस ने देश के 4 लाख नागरिकों को बंधक बना लिया है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा- अब तक रूस के 12 हजार सैनिक मारे गए हैं। उसके 317 टैंक, 49 एयरक्राफ्ट, 81 हेलिकॉप्टर, 60 फ्यूल टैंक और 7 ड्रोन तबाह किए जा चुके हैं।
मारियुपोल में सामूहिक कब्रगाह
यूक्रेन का कहना है कि रूसी आक्रमण के बाद से मारियुपोल में 1,170 नागरिक मारे गए हैं। इन्हें सामूहिक कब्रगाह में दफनाया जा रहा है। लगातर बमबारी के चलते अंतिम संस्कार भी मुश्किल हो गया है। इनकी मौत पर आंसू बहाने वाला भी कोई नहीं है।
ऑपरेशन गंगा के तहत अंतिम फ्लाइट आज आएगी
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन गंगा के तहत अंतिम फ्लाइट गुरुवार को भारत पहुंचेगी। इसमें यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे 600 भारतीयों को वापस लाया जाएगा।
ऑपरेशन करीब 12 दिन पहले शुरू किया गया था। इसके तहत यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में फंसे करीब 17 हजार भारतीयों को वापस भारत लाया गया। इनमें ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत अंतिम फ्लाइट रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से उड़ान भरेगी। हालांकि भारतीय मिशन उन भारतीयों पर नजर रखेगा जो दूर-दराज के इलाकों में फंसे हो सकते हैं।
सरकार ने भारतीयों को रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोलडोवा के रास्ते निकाला। यूक्रेन में फंसे भारतीय इन देशों की सीमा में सड़क मार्ग से पहुंचे और वहां ट्रांजिट प्वाइंट्स से इन देशों में प्रवेश किया। रोमानिया से आठ हजार भारतीयों को निकाला गया।
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