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नई दिल्ली। दिल्ली में एक अक्तूबर से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी स्वैच्छिक होगी। उन्हीं उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी, जो मांगेंगे। सरकार इसके लिए विकल्प मुहैया कराएगी। यानी अगर आप चाहें तो बिजली पर सब्सिडी छोड़ भी सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है।
सब्सिडी एक साल बढ़ी: कैबिनेट ने 2022-23 के लिए बिजली पर मिल रही सब्सिडी जारी रखने को भी मंजूरी दी है। इसका राजधानी के 47 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। सरकार ने इस बार बजट में बिजली सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
लोगों के सुझाव के बाद लिया गया फैसला: केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत सारे लोगों को मुफ्त बिजली मिलती है। सरकार इसके लिए सब्सिडी देती है। लोग इसे अच्छा मानते हैं, पर बहुत सारे लोगों का सुझाव है कि जो लोग सक्षम हैं और बिल देना चाहते हैं, उनके लिए विकल्प मुहैया कराया जाए। इसके बाद यह निर्णय लिया गया। अगर कोई सब्सिडी नहीं लेना चाहता है तो वह उसे छोड़ सकता है।
बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा विकल्प : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर उपभोक्ता को विकल्प देगी। जो लोग सब्सिडी मांगेंगे, उसको मिलेगी और जो लोग नहीं मांगेंगे, उनको नहीं मिलेगी। सब्सिडी छोड़ने को लेकर सुझाव देने वाले चाहते हैं कि उनका पैसा स्कूल, अस्पतालों में लगे। इसलिए हम लोगों से पूछेंगे कि क्या आपको बिजली की सब्सिडी चाहिए। यह काम जल्द शुरू किया जाएगा।
200 यूनिट तक मुफ्त मिलती है बिजली: दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी देने का काम 2016-17 में शुरू हुआ था। सरकार बिजली खपत के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में सब्सिडी देती है। वर्तमान में दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त है, यानी शून्य बिल आता है। 200-400 यूनिट तक प्रयोग करने वालों को कुल बिल पर 50 फीसदी अधिकतम 800 रुपये की सब्सिडी मिलती है। इन दो श्रेणी में कुल 46.99 लाख लोगों को सब्सिडी मिल रही है। दिल्ली में औसतन हर माह 86 प्रतिशत उपभोक्ता इसका लाभ उठा रहे हैं। गर्मियों में यह संख्या 75 प्रतिशत के आसपास रहती है और रियायत लेने वालों की संख्या 90 फीसदी तक पहुंच जाती है।
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