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जरूरी नहीं 5 स्टार रेटिंग वाली कार बच्चे के लिए सुरक्षित हो, कार खरीदने से पहले इसे समझना जरूरी
कार में सेफ्टी के क्या मायने हैं? इस बात को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से समझा जा सकता है। 2018 में रोड एक्सीडेंट में 1.35 लाख लोगों की मौत हुई थी। 2019 में ये आंकड़ा 1.36 लाख का रहा। वहीं 2020 में घटकर 1.20 लाख रह गया। यानी 2019 और 2020 के बीच 16 हजार एक्सीडेंट कम हुए। रोड एक्सीडेंट को रोकने में कार के सेफ्टी फीचर्स अहम रोल निभा रहे हैं।
नई कार कितनी सुरक्षित है, इस बात का पता उसकी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) रेटिंग से लगाया जा सकता है। ग्लोबल NCAP द्वारा कई कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। इसी टेस्ट में उनकी सेफ्टी का पता चलता है। ये सेफ्टी बड़े और बच्चों दोनों के लिए अलग-अलग होती है। तो चलिए आज देश की ऐसी सुरक्षित 5 कारों के बारे में जानते हैं।
सबसे पहले समझिए NCAP सेफ्टी रेटिंग कैसे दी जाती है?
- कार की सेफ्टी रेटिंग: NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। सभी कंपनियां अपनी कार के हर मॉडल और वैरिएंट पर अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स देती हैं। इनमें एयरबैग्स, ABS, EBD, सेफ्टी बेल्ट, बैक सेंसर, कैमरा, स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं। जब कार का क्रैश टेस्ट होता है तब इन्हीं सेफ्टी फीचर्स के आधार पर उसे रेटिंग दी जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग मिलने की प्रोसेस: सेफ्टी रेटिंग के लिए कार का क्रैश टेस्ट किया जाता है। इसके लिए इंसान जैसी डमी का इस्तेमाल किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग के मायने: क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं। डमी कितनी डैमेज हुई। कार के दूसरे सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है। इस रेटिंग से ग्राहकों को सुरक्षित कार खरीदने में मदद मिलती है। हालांकि, NCAP किसी भी कार के सभी वैरिएंट का क्रैश टेस्ट नहीं करता है।
कार के क्रैश टेस्ट के दौरान एडल्ट और बच्चे को अलग सेफ्टी रेटिंग दी जाती है।
1. एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) रेटिंग में ये देखा जाता है कि जब कार सामने की तरफ से टकराती है तब आगे की सीट पर बैठने वाले पैंसेजर और ड्राइवर कितने सुरक्षित रहे।
2. चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) रेटिंग से ये देखा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर पीछे की सीट पर बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे।
अब इन सभी कारों और उनके सेफ्टी फीचर्स के बारे में एक-एक करके जानते हैं।
1. टाटा पंच : इस कार को AOP कैटेगरी के लिए 5-स्टार रेटिंग मिली है। क्रैश टेस्ट के दौरान इसे 17 में से 16.45 स्कोर मिला। COP कैटेगरी में इसे 4-स्टार रेटिंग मिली। वहीं, 49 में से 40.89 स्कोर हासिल किया है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 5.65 लाख रुपए है।