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लखनऊ : उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा ने हिन्दुत्व की राह को और मजबूत करते हुए 107 उम्मीदवारों की पहली सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दी। विरोधी पार्टी अखिलेश यादव की सपा व उसकी सहयोगी रालोद ने पहले चरण में मुस्लिमों को 31 फीसदी टिकट दी हैं तो मायावती की बसपा ने 26 प्रतिशत। स्पष्ट है कि भाजपा के लिए हिन्दुत्व का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा।
18 साल बाद फिर कोई सीएम विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ः सारे कयासों और आकलन पर पानी फेरते हुए भाजपा ने प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर से चुनाव के मैदान में बतौर प्रत्याशी उतारा है। भाजपा ने अपने पहले लिस्ट में बाबा योगी आदित्यनाथ का नाम जोड़ने के साथ ही 18 साल के रिकॉर्ड भी तोड़ा है। दरअसल, 18 साल के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई सीएम किसी सीट से दावेदार होने जा रहे हैं। इससे पूर्व आखिरी बार मुलायम सिंह यादव गुन्नौर सीट से विधानसभा चुनाव लड़कर यूपी के सीएम बने थे। अब 2022 के विधानसभा चुनाव में विधान परिषद सदस्य यानी एमएलसी बनकर सीएम बनने की परिपाटी पर ब्रेक लग रहा है।
योगी के लिए आखिर गोरखपुर ही क्यों? ः योगी आदित्यनाथ ने 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। 2017 में मुख्यमंत्री बनने से पहले तक वे लगातार 5 बार गोरखपुर से सांसद रहे। जाहिर है कि गोरखपुर योगी का गढ़ है। भाजपा ने अयोध्या या मथुरा की जगह योगी को गोरखपुर से उतारने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि यहां से चुनाव लड़ने के लिए खुद योगी या पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। लिहाजा, पार्टी में मची हालिया उठापटक के मद्देनजर योगी पूरे प्रदेश में प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
योगी ने कहा- भाजपा प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी : गोरखपुर से टिकट देने के लिए भाजपा नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी, इसमें कोई शक नहीं है। भाजपा ने राष्ट्रवाद विकास और सुशासन के मुद्दे पर जिस प्रभावी ढंग से काम किया हैं, वह सभी लोगों के सामने हैं।
अखिलेश का तंज – योगी आदित्यनाथ को भाजपा ने उनके घर भेज दिया ः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव मैदान में उतारने के भारतीय जनता पार्टी के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा उन्हें पहले ही उनके घर भेज चुकी है। अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘कभी कहा मथुरा कभी कहा अयोध्या और अब कह रहे हैं गोरखपुर जनता से पहले इनकी पार्टी ने ही इन्हें वापस घर भेज दिया है। दरअसल उन्हें टिकट मिली नहीं है, उनकी वापसी की टिकट कट गयी है। यूपी कहे आज, नहीं चाहिए भाजपा, बाइस में बाइसिकल।’