Home Politics News BJP foundation day par Modi bole, 4 states me BJP government ki waapsi se hamari responsibility badhi | भाजपा स्थापना दिवस पर मोदी,बोले- 4 राज्यों में भाजपा सरकार की वापसी से हमारी जिम्मेदारी बढ़ी

BJP foundation day par Modi bole, 4 states me BJP government ki waapsi se hamari responsibility badhi | भाजपा स्थापना दिवस पर मोदी,बोले- 4 राज्यों में भाजपा सरकार की वापसी से हमारी जिम्मेदारी बढ़ी

0

 Politics News

अब कर्तव्यकाल में खुद को खपा देना है

6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। इसके पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि हम उन सभी को याद करते हैं जिन्होंने पार्टी का निर्माण किया है और लोगों की अथक सेवा की है।

संबोधन की शुरुआत में पीएम ने कहा- आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। आज हम मां स्कंद माता की पूजा करते हैं। हमने देखा है कि वह कमल के सिंहासन पर विराजमान हैं और अपने दोनों हाथों में कमल लिए हुए हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि भाजपा के प्रत्येक नागरिक और कार्यकर्ता पर उनका आशीर्वाद बना रहे।

मोदी की स्पीच की अहम बातें..

स्थापना दिवस के अहम होने के 3 कारण बताए जनसंघ से लेकर भाजपा तक पार्टी के निर्माण में खुद को खपाने वाले महापुरुषों को नमन करता हूं। आज का स्थापना दिवस तीन वजहों से अहम है।

1. इस समय हम देश की आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं। ये प्रेरणा का बहुत बड़ा अवसर है। दूसरा- तेजी से बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियां। तीसरा- 4 राज्यों में भाजपा के डबल इंजिन की सरकार वापस लौटी। तीन दशक बाद राज्यसभा में किसी पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 तक पहुंची है।

2. अमृतकाल भाजपा कार्यकर्ता के लिए कर्तव्य काल है। भाजपा का दायित्व, कार्यकर्ताओं का दायित्व लगातार बढ़ रहा है। इसलिए भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देश के सपनों का प्रतिनिधि है। इस अमृतकाल में भारत की सोच आत्मनिर्भरता की है। लोकल को ग्लोबल बनाने की है। सामाजिक न्याय की है। समरसता की है। इन्हीं संकल्पों को लेकर विचार के रूप में हमारी पार्टी की स्थापना हुई। ये अमृतकाल हमारे कार्यकर्ता के लिए कर्तव्य काल है। हमें देश के संकल्पों के साथ निरंतर जुड़े रहना है और खुद को खपा देना है।

3. हमें मनावता की बात करने वाले देश के तौर पर देखा जा रहा एक समय था जब लोगों ने मान लिया था कि सरकार किसी की भी आए, लेकिन देश का कुछ नहीं हो पाएगा। निराशा ही निराशा थी। देश का एक-एक जन गर्व से यह कह रहा है कि देश बदल रहा है। तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया के सामने एक ऐसा भारत है, जो बिना किसी डर या दबाव के अपने हितों के लिए अडिग रहता है। जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी हो, तब भारत को एक देश के रूप में देखा जा रहा है, जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है।

4. आज देश के पास निर्णय शक्ति और निश्चय शक्ति भी आज देश के पास निर्णय शक्ति और निश्चय शक्ति भी है। आज हम लक्ष्य तय कर रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। कुछ समय पहले ही देश ने 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा उत्पादों पर एक्सपोर्ट का टारगेट पूरा किया है। कोरोना काल में ये टारगेट पूरा करना भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। भारत कोरोना की लड़ाई को संसाधनों से लड़ रहा है, लगातार जीतने का प्रयास कर रहा है। आज भारत 180 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज देने वाला देश है। इतने मुश्किल समय में भारत 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन दे रहा है।

5. भाजपा ने वोट बैंक की राजनीति को टक्कर दी है हमारे देश में दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। कुछ लोगों को ही वायदे करो, ज्यादातर लोगों को तरसाकर रखो, भेदभाव, भ्रष्टाचार.. ये सब वोट बैंक की राजनीति का साइड इफेक्ट था। भाजपा ने इस वोट बैंक की राजनीति को टक्कर दी और इसके नुकसान देश को समझाने में सफल रही है। भाजपा की नेकनीयत से किए जाने वाले कामों की वजह से जनता का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है।

6. भाजपा का विजय तिलक करने माताएं-बहनें आगे आती हैं आज दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, किसानों, नौजवानों के साथ ही जिस तरह महिलाएं भाजपा के पक्ष में मजबूती से खड़ी हुई हैं, वो अपने आप में नए युग की ताकत का प्रतिबिम्ब हैं। भाजपा का विजय तिलक करने में सबसे आगे माताएं-बहनें आती हैं। ये चुनावी घटना नहीं, सामाजिक और राष्ट्रीय जागरण है, जिसका इतिहास में विश्लेषण किया जाएगा। महिलाओं में सुशासन और कड़े कानूनों से सुरक्षा का भाव हमने पैदा किया। स्वास्थ्य से लेकर रसोई की चिंता की है। नारी शक्ति में आत्मविश्वास पैदा हुआ है, जो भारत को दिशा दे रही हैं। महिलाओं की भागीदारी विकास में बढ़ाना हमारा दायित्व है।

7. हमारे लिए राजनीति और राष्ट्रनीति साथ-साथ चले हैं हमारे लिए राजनीति और राष्ट्रनीति साथ-साथ चलते हैं। हम राजनीति से राष्ट्रनीति को अलग करके चलने वाले लोग नहीं हैं। ये भी सच्चाई है कि अभी भी देश में दो तरह की राजनीति चल रही है। एक राजनीति है परिवार भक्ति की और दूसरी है, राष्ट्र भक्ति की। केंद्रीय स्तर पर अलग-अलग राज्यों में हमारे यहां कुछ राजनीतिक दल हैं, जो सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं। परिवारवादी सरकारों में परिवार के सदस्यों का स्थानीय निकाय से लेकर संसद तक दबदबा रहता है। ये अलग राज्यों में हों, पर परिवारवाद के तार से जुड़ रहते हैं। एक दूसरे के भ्रष्टाचार को ढंककर रखते हैं। इन परिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं को भी आगे नहीं बढ़ने दिया। उनके साथ हमेशा विश्वासघात किया है। आज हमें गर्व होना चाहिए कि आज भाजपा ही इकलौती पार्टी है, जो इस चुनौती से देश को सजग कर रही है।

8. सरकार के अभियानों के सारथी भाजपा के कार्यकर्ता आज देश जमीन से जुड़े तमाम अभियानों को आगे बढ़ा रहा है। भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में जमीन पर उनके सारथी आप ही हैं। अभी कुछ दिन बाद ही ज्योतिबा फुले और बाबा साहब अंबेडकर की जयंती है। पार्टी आज से सामाजिक न्याय पखवाड़ा शुरू करने जा रही है। आपसे आग्रह है कि इस अभियान में सक्रियता से जुड़ें। सरकार गरीबों के लिए जो योजना चला रही है। उनके प्रति देशवासियों को जागरूक करें। कार्यकर्ता के रूप में पार्टी मुझे जो आदेश करेगी, मैं भी उसे कार्यकर्ता के रूप में पूरी मेहनत करूंगा। आपका साथी कार्यकर्ता होने के नाते मेरी आपसे यही अपेक्षा है।

मंगलवार को पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों की बैठक में कहा था, सभी सांसद 14 दिनों तक समर्पण के साथ सेवा करें। इस दौरान सांसद सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे।

दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भाजपा की स्थापना हुई थी
6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में एक नए राजनीतिक दल की घोषणा हुई। इसका नाम था- भारतीय जनता पार्टी। आज इस ऐतिहासिक घटना को 42 साल पूरे हो चुके हैं। अटल बिहारी को पार्टी का संस्थापक अध्यक्ष चुना गया।

साल 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी को देश की जनता ने नकार दिया। 1977 में 295 सीटें जीतने वाली जनता पार्टी 3 साल बाद महज 31 सीटों पर सिमट गई। हार का दोष पार्टी में शामिल उन लोगों पर मढ़ने की कोशिश की गई, जो जनसंघ से जुड़े हुए थे।

4 अप्रैल को दिल्ली में जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक अहम बैठक हुई। इसमें फैसला हुआ कि पूर्व जनसंघ के सदस्यों को पार्टी से निकाल दिया जाए। निष्कासित किए जाने वाले नेताओं में अटल और आडवाणी भी थे।

और पढ़े https://www.starnewshindi.com/2022/04/delhi-me-3-municipal-corporations-ko-ek.html

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here