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कानून व्यवस्था के बिगड़ने का हवाला देकर अनिश्चित काल तक बंद की चिपकाई नोटिस
स्कूल की फीस वृद्धि को लेकर कुछ दिनों से अभिभावक कर रहे थे प्रदर्शन
हाई कोर्ट ने अभिभावकों के पक्ष में दिया था आदेश
स्कूल की फीस वृद्धि को लेकर कुछ दिनों से अभिभावक कर रहे थे प्रदर्शन
हाई कोर्ट ने अभिभावकों के पक्ष में दिया था आदेश
कोलकाता : गुरुवार को कोलकाता के 3 बड़े स्कूलों के 6 कैंपस में अचानक ‘अनिश्चित काल तक बंद’ की एक नोटिस चिपका दी गयी। इस घटना के बाद से अभिभावकों में क्षोभ का माहौल है। बताया जा रहा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने फीस वृद्धि के मामले को लेकर अभिभावकों के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद प्रबंधन ने कानून व्यवस्था के बिगड़ने का हवाला देकर अनिश्चितकाल तक बंद की नोटिस लगा दी। इनमें जीडी बिरला स्कूल, महादेवी बिरला एवं अशोका हॉल ग्रुप के स्कूल के कैंपस हैं।
इनमें रानीकुटीर का जीडी बिरला स्कूल, बालीगंज का महादेवी बिरला शिशु विहार, जमीर लेन का महादेवी बिरला स्कूल, पाम एवेन्यू का अशोका हाॅल गर्ल्स स्कूल, अशोका हॉल जूनियर स्कूल एवं सर्दन एवेन्यू का अशोका हॉल लिटिल जेम्स स्कूल हैं।क्या था मामला : दरअसल पिछले कुछ दिनों से जीडी बिरला और अशोका हॉल स्कूल में फीस वृद्धि को लेकर अभिभावक लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। कोरोना काल में बंद होने के बाद अप्रैल महीने से स्कूल स्वाभाविक हुआ और छात्रों का ऑनलाइन के बाद ऑफलाइन क्लास शुरू किया गया, परंतु आरोप है कि फीस में वृद्धि के कारण बहुत से छात्रों का फीस बकाया था।
इसके कारण उन्हें क्लास में नहीं प्रवेश करने दिया गया। इसके कारण स्कूल परिसर में आकर अभिभावकों ने फिर प्रदर्शन किया। प्रबंधन का आरोप है कि कई अभिभावकों ने फीस जमा नहीं की है। इसके बाद वे हाई कोर्ट पहुंचे, जहां पर पीटिशन दायर किया गया। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के डिविजन बेंच ने स्पष्ट आदेश दिया कि अगर फीस बाकी भी रहे तो बच्चों को पढ़ने से रोका नहीं जा सकता है। इस आदेश के बाद गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे छात्र अपने अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचे तो उन्होंने स्कूल के गेट पर देखा कि उक्त नोटिस चिपकाई गयी है। इसमें लिखा हुआ है कि कानून व्यवस्था के बिगड़ते माहौल को देखते हुए छात्रों के हित में अनिश्चित काल के लिए स्कूल बंद किया जा रहा है।
सामान्य परिस्थितियों के होते ही स्कूल खोले जायेंगे। अभिभावकों का कहना है कि जो फीस बकाया रख रहे हैं उनसे स्कूल अपना समझौता करे। अगर कोर्ट का आदेश है तो पढ़ाई किसी की भी रोकी नहीं जा सकती है। इसके अलावा जो छात्र फीस दे रहे हैं, उनकी पढ़ाई नहीं रोकी जाये। इस बारे में स्कूल से सम्पर्क साधने की कोशिश की गयी लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।