Home Daily News Austria me rah kar bacha rahe Ukraine ki heritage | ऑस्ट्रिया में रहकर बचा रहे यूक्रेन की धरोहरें

Austria me rah kar bacha rahe Ukraine ki heritage | ऑस्ट्रिया में रहकर बचा रहे यूक्रेन की धरोहरें

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बमबारी से ध्वस्त हो रहे यूक्रेनी इतिहास और संस्कृति को डिजिटली सहेज रहा सूचो, अब तक 10TB डेटा किया स्टोर

यूक्रेन के शहरों पर रूसी हमले से घर, अस्पताल, स्कूल, सरकारी इमारतें सब तबाह हो रही हैं। युद्ध की इस विभीषिका का एक और खतरनाक पहलू है। जंग में यूक्रेन की सांस्कृतिक विरासत और उसके दस्तावेज भी तबाह हो रहे हैं। मारियुपोल में दोन्तस्क रीजनल ड्रामा थियेटर बमबारी में पूरी तरह नष्ट हो चुका है।

किताबें, तस्वीरों के विवरण को सहेजने का हो रहा काम


यूक्रेन के सबसे पुराने मठ स्वियातोर्स्क केव मॉनेस्ट्री को भी बमबारी से नुकसान पहुंचा है। यूक्रेन के सांस्कृतिक दस्तावेजों को डिजिटल रूप में बचाने का एक प्रयास वहां से हजारों किलोमीटर दूर ऑस्ट्रिया के वियना में भी एक संगठन सेविंग यूक्रेनियन कल्चरल हेरिटेज ऑनलाइन (सूचो)। कर रहा है।

यहां ऑस्ट्रियन सेंटर फॉर डिजिटल ह्यूमैनिटीज एंड कल्चरल हेरिटेज में काम करने वाले डिजिटल इतिहासकार सबाश्चियन मास्तोरोविक का यह संगठन इंटरनेट या किसी भी डिजिटल माध्यम में मौजूद यूक्रेनी संस्कृति के दस्तावेजों को सहेज रहा है। इनमें किताबें, तस्वीरें, कलाकृतियों के विवरण और इतिहास के साथ ही स्मारकों के वर्चुअल टूर के वीडियो तक शामिल हैं।

अब तक 10TB डेटा किया स्टोर
हार्वर्ड के यूक्रेनियन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के साथ काम कर रहे इस संगठन ने अब तक 10 टेराबाइट का डेटा सहेज लिया है। मास्तोरोविक बताते हैं- मैंने छात्र जीवन में कोलोन के नेशनल आर्काइव को ध्वस्त होते देखा। सांस्कृतिक धरोहर का नष्ट होना सभ्यता के खत्म होने जैसा है।

जानबूझकर विरासत को ध्वस्त करने में जुटा है रूस: क्लॉडिया रॉथ


हम तभी सांस्कृतिक धरोहरों को डिजिटल रूप में सहेजने पर काम कर रहे थे। ज्यादातर देश अपनी सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत को डिजिटल फॉर्मैट में ला रहे हैं। मगर इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि हर सांस्कृतिक धरोहर जनता की संपत्ति होती है और इसका संरक्षण युद्ध के सामान्य नियमों में शामिल है।

यही नहीं, 1954 के हेग कन्वेंशन के मुताबिक ‘प्रोटेक्शन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी इन द इवेंट ऑफ आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट’ जरूरी है। दिलचस्प बात है कि रूस भी इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में शामिल है। जर्मन सरकार में कमिश्नर फॉर कल्चर एंड मीडिया क्लॉडिया रॉथ कहती हैं कि रूस जानबूझकर यूक्रेन की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक पहचान के स्मारकों को निशाना बना रहा है। यह सिर्फ एक देश पर नहीं उसकी संस्कृति पर हमला है।

और पढ़े https://www.starnewshindi.com/2022/03/korea-ki-tarah-ukraine-ko-2-hisson-mr.html

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