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वोट चोरी का डर, लाखों लोग देर-रात से पहरे पर
यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ईवीएम की सुरक्षा को लेकर प्रदेशभर में हंगामे शुरू हो गए। लखनऊ, वाराणसी, बरेली, अलीगढ़ समेत करीब 20 जिलों में सपा विधायक प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने ईवीएम रखने के स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए घेराबंदी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर सत्ता पक्ष का फेवर करने का आरोप भी लगाए गए। बरेली में सपा नेताओं ने मतगणना स्थल पहुंचकर कीर्तन किया। अलीगढ़ में डीएम आवास का घेराव हुआ। गोंडा में भी सपा नेताओं की पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई।
मतगणना स्थलों पर हुए हंगामों के बारे में बताने से पहले हम आपको पढ़वाते हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ईवीएम सुरक्षा को लेकर क्या कुछ कहा.. जिसके बाद सपा नेता मतगणना स्थलों पर पहुंच गए।
वाराणसी में ईवीएम काे लेकर हुए हंगामे के बाद अखिलेश ने अपनी पार्टी के लोगों से अपील करते हुए कहा, ‘जब तक काउंटिंग न हो जाए। तब तक लगातार निगरानी रखें कि कैसे वोट बचाया जा सकता है। कैसे जहां पर मशीनें रखी हैं। वहां पर किसी का आना-जाना न हो। ये लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरे का समय है। जो दल हार गया, अब उसके बस में यही है, जो अब करने जा रहे हैं।’ अखिलेश ने ट्वीट भी किया।
मैकेनिक के जरिए ईवीएम हैक के आरोपों पर सपाइयों का हंगामा
कानपुर के मतगणना स्थल गल्लामंडी में मंगलवार शाम को सपा विधायक प्रत्याशियों ने समर्थकों के साथ हंगामा किया। बिल्हौर से विधानसभा प्रत्याशी रचना सिंह, सीसामऊ के प्रत्याशी इरफान सोलंकी और गोविंद नगर विधानसभा के प्रत्याशी सम्राट विकास यादव ने मतगणना स्थल गल्लामंडी में रात को हंगामा शुरू कर दिया। आरोप था कि गल्लामंडी में लगे बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम की रिपेयरिंग के बहाने ईवीएम हैक करने का प्रयास किया जा रहा था। मैकेनिकों से पूछताछ करने पर अपना आईकार्ड दिखाने की बजाए भाग निकले।
डीसीपी साउथ रवीना त्यागी, एडीसीपी मनीष सोनकर समेत कई थाने का फोर्स और एसीपी देर रात तक सपाइयों को समझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन सपाई अपनी जिद पर अड़े रहे और देर रात तक हंगामा चलता रहा।
इस हंगामे के दौरान सपाइयों ने मतगणना स्थल पर एक संदिग्ध अधिवक्ता को भी दबोच लिया। उनका आरोप था कि जब बेरीकेडिंग के अंदर कोई जा नहीं सकता तो अधिवक्ता कैसे पहुंच गए। नौबस्ता पुलिस ने अधिवक्ता के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की है।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि सपाइयों के दोनों आरोप जांच में फर्जी पाए गए हैं। जबकि अधिवक्ता के अंदर बेरीकेडिंग तक पहुंचने पर पुलिस वालों के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है।