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दिल्ली के बड़े थोक बाजारों में से एक सदर बाजार की सड़कों और गलियों में भीड़ की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। अगर कभी आग की घटना हो जाए तो यहां दमकल वाहन और एंबुलेंस को पहुंचने में मुश्किल होगी।
संकरी गलियों के बीच लगे बिजली के खंभों पर उलझे तार हादसों को दावत दे रहे हैं। यहां मौजूद तौलिया और बैग वाले थोक बाजार में पहाड़गंज की ओर वाले रास्ते पर दुपहिया लेकर चलना मुश्किल हो जाता है। माल ढोने वाले वाहनों के अलावा सड़कों पर आड़े तिरछे खड़े वाहनों के कारण पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर आग लगी तो बड़ी तबाही होगी। पूरे बाजार में दुकानों के बाहर पैदल चलने वालों के लिए बने बरामदे भी सामानों से भरे पड़े हैं। भीड़ इतनी कि अगर आपात स्थिति आ जाए और बाहर निकलना पड़े तो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
राजौरी गार्डन से खरीदारी करने पहुंची काव्या दुग्गल ने कहा कि वह आर्टिफिशियल ज्वैलरी का सामान लेने आई हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की जो हालत है उससे साफ है कि प्लास्टिक, कपड़े और कागज के गत्तों से भरे गोदामों के पास अग्निशमन विभाग का कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र भी नहीं होगा।