Home Health news Aachi health ka secret jaaniye | अच्छी सेहत का राज छिपा होता है आपकी रसोई में, जानें कैसे

Aachi health ka secret jaaniye | अच्छी सेहत का राज छिपा होता है आपकी रसोई में, जानें कैसे

0

 Health News

कोलकाता : वास्तु शास्त्र का मूल आधार भूमि, जल, वायु एवं प्रकाश है, जो जीवन के लिए अति आवश्यक है, इनमें असंतुलन होने से नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होना स्वाभाविक है। वास्तु के नियमों का पालन न करने पर व्यक्ति विशेष का स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि उसके रिश्ते पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। रसोई, घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हमारे बीच में यह गलत प्रचलन है कि हम मकान बनवाते समय रसोईघर को कम स्थान देने की सोचते हैं। जबकि उसका खुला-खुला वातावरण रहना अत्यंत ज़रूरी है क्योंकि जितने उपकरण तथा सामग्री रसोईघर में होती है उतना किसी अन्य जगह नहीं।

* घर में अग्नितत्व की दिशा आग्नेय कोण में रसोई का निर्माण होना चाहिए। अगर वहां इसे बनाना संभव नहीं है, तो उसे केवल उत्तर-पश्चिम भाग में बना लें। हमेशा पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई के दरवाजे बनायें। रसोई घर में चूल्हा आग्नेय कोण में रखना चाहिए और खाना पकाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना भी आवश्यक है, इससे धन की वृद्धि तथा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

* पीने योग्य जल का भंडारण व हाथ धोने के लिए नल ईशान कोण में होना चाहिए। रसोई में सिंक यानि बर्तन धोने की दिशा के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा शुभ मानी गई है। टोस्टर,गीजर या माइक्रोवेव, ओवन आग्नेय कोण में रखना आपके लिए लाभदायक होगा। मिक्सर,आटाचक्की, जूसर आदि आग्नेय कोण के निकट दक्षिण में रखना शुभ माना गया है। यदि रेफ्रीजिरेटर रसोई में रखना है तो इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें, ईशान या नैऋत्य कोण पर कदापि नहीं रखना चाहिए।

* मसाले के डिब्बे, बर्तन, चावल, दाल,आटा आदि के डिब्बे दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में रखना वास्तु सम्मत है। खाली सिलेंडर नैऋत्य कोण में रखें एवं प्रयोग होने वाला सिलेंडर दक्षिण दिशा की ओर रखें। वास्तु के अनुसार रसोई की दीवारों का रंग हल्का नांरगी के साथ क्रीम कलर करवाना शुभता में वृद्धि करेगा।

* रसोईघर में काले रंग का पत्थर लगवाने से बचना चाहिए। वास्तुशास्त्र मानता है कि काले रंग के प्रयोग से किचन में नकारात्मक ऊर्जा का निवास हो जाता है। साथ ही घर में आर्थिक हानि होने की भी संभावना बढ़ जाती है। अगर आपके घर में पहले से काले रंग का पत्थर लगा हुआ है तो आप इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए किचन में स्वास्तिक बना सकते हैं इससे वहां का वातावरण सकारात्मक हो जाएगा।

* वास्तु के आधारभूत सिद्धांत का पालन रसोई में अवश्य करें, ईशान कोण बिल्कुल हल्का रखें। इसके अलावा भारतीय परंपरा में कुछ नियम निर्धारित किए गए है जिससे दरिद्रता तथा रोग नहीं होते।

1 . पहली रोटी गौ माता के नाम की निकालकर उस सभी ताजा पके हुए सभी व्यंजन थोड़े-थोड़े रखें। इसके बाद ही घर का कोई भी सदस्य भोजन ग्रहण करे।

2 .भोजन पकाने वाली महिला यदि भोजन बनाने वाले स्थान पर ही यदि भोजन करती है या पकाते समय कुछ खाती है तो घर में दरिद्रता आती है।

3 .आटा आदि सामग्री एक बार में ही निकाल लेनी चाहिए, बार-बार निकालना गलत है। यदि कभी निकालना ही पड़े तो हाथ धोकर निकालना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here