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हमने समय से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा किया, 2023 तक 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व पर्यावरण दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन से संबोधित कर रहे हैं। इस अब सर पर उन्होंने कहा कि आज भारत ने पेट्रोल में 10% एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आपको ये जानकर भी गर्व होगा कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है।
41 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत
PM मोदी ने आगे कहा कि इस लक्ष्य पर पहुंचने की वजह से भारत को तीन सीधे फायदे हुए हैं। एक तो इससे करीब 27 लाख टन कार्बन एमिशन कम हुआ है। भारत को 41 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
इसक अलावा तीसरा महत्वपूर्ण फायदा ये कि देश के किसानों को एथेनॉल ब्लेंडिंग बढ़ने की वजह से 8 सालों में 40 हजार 600 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्रालय का लक्ष्य हैं कि आने वाले 2023 तक भारत इथनॉल की 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य पर काम कर रहा हैं।
क्या होता है एथेनॉल?
एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है। एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है। एथेनॉल ब्लेंडिंग वाले पेट्रोल से आम आदमी को भी बड़ा फायदा होगा।
एथेनॉल मिलाने से क्या फायदा है?
पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके इस्तेमाल से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती हैं। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी इथेनॉल कम करता है। इथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन के चलते ये फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है।
1972 में मनाया गया था पहला पर्यावरण दिवस
संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव साल 1972 में रखी गई। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इसकी शुरुआत हुई थी। दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन स्वीडन में आयोजित किया गया था जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।
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