Politics News
32 सालों से भाजपा जीत रही, इस बार सपा ने भी महंत परिवार को दिया टिकट…इससे ब्राह्मण वोट सीधे बंटेंगे
पूर्वांचल में वाराणसी की शहर दक्षिणी विधानसभा इस चुनाव में काफी चर्चा में है। वजह-यह वही सीट है, जहां काशी विश्वनाथ मंदिर है। 32 साल से इस सीट से भाजपा जीतती आ रही। इस बार भाजपाई भी कहने की स्थिति में नहीं कि क्या होगा? दरअसल, 2017 में जीते नीलकंठ तिवारी इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार हैं। स्थिति ये कि योगी सरकार में पर्यटन मंत्रालय संभाल रहे नीलकंठ ने दो दिन पहले वीडियो जारी कर माफी मांगी। बोले- व्यस्तता के कारण लोगों से थोड़ी दूरी रही। गलती के लिए माफी मांगता हूं। उधर, सपा ने इस बार ऐसा उम्मीदवार चुना है, जो कोरोना काल में लोगों के बीच रहा। इससे लड़ाई टक्कर की हो गई है।
खास है शहर दक्षिणी विधानसभा सीट
विश्वनाथ मंदिर वाली इस सीट पर धर्म-कर्म से जुड़े नीलकंठ तिवारी और श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर के महंत किशन दीक्षित आमने सामने हैं। इस सीट की दो खास पहचान है। पहली खास बात यह है कि यहां 1989 से लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा है। दूसरी विशेष बात यह है कि यहां बीते साल दिसंबर महीने में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हुआ था। प्रत्याशी तो यहां 11 हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा के मौजूदा विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी और सपा प्रत्याशी कामेश्वर दीक्षित उर्फ किशन दीक्षित के बीच मानी जा रही है। भाजपाइयों का कहना है कि 4 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रोड शो करेंगे तो पासा पलट जाएगा। वहीं, सपाइयों का दावा है कि हमारे नेता अखिलेश यादव और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को तय कर दिया है कि जीत हमारे ही प्रत्याशी की होनी है।