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Finance Ministry on UPI Charges: भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट सिस्टम चार्जेस पर एक समीक्षा पेपर जारी किया है जिसमें यूपीआई ट्रांजैक्शन पर Merchant Discount Rate लगाने की बात कही गई थी.
Finance Ministry on UPI Charges: वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ‘यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर शुल्क लगाने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. दरअसल इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि सरकार यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने का सिस्टम लाने जा रही है.
वित्त मंत्रालय के बयान से स्थिति हुई साफ
फाइनेंस मिनिस्ट्री का यह बयान भुगतान प्रणाली में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिस्कशन पेपर से उपजी आशंकाओं को दूर करता है. डिस्कशन पेपर में सुझाव दिया गया है कि यूपीआई भुगतान पर विभिन्न रकम की श्रेणियों में शुल्क लगाया जा सकता है. अभी, यूपीआई के जरिये लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर किया साफ-UPI पर चार्ज का कोई विचार नहीं
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, “यूपीआई लोगों के लिए एक उपयोगी सेवा है, जिससे लोगों को काफी सुविधा होती है और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ती है. यूपीआई सेवाओं के लिए सरकार कोई शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही है. लागत की वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताएं अन्य माध्यमों से पूरी करनी होंगी.”
RBI के समीक्षा पेपर से उठी थी यूपीआई पेमेंट पर चार्ज की बात
देश में यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही रिजर्व बैंक ने पेमेंट सिस्टम चार्जेस पर एक समीक्षा पेपर जारी किया है. इस पेपर में यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Payment) पर चार्ज एक स्पेशल चार्ज Merchant Discount Rate लगाने की बात कही गई थी. यह चार्ज ट्रांसफर किए गए अमाउंट पर निर्भर करता है. इस पेपर में पैसे ट्रांसफर करने की राशि के अनुसार एक बैंड तैयार हो जिसमें बैंड के अनुसार आपसे पैसे चार्ज किए जाएं. इस पेपर में यह भी सुझाव मांगा गया है कि यूपीआई में चार्ज एक निश्चित रेट पर लिया जाए या पैसे ट्रांसफर करने के हिसाब से लिया जाएं. बता दें कि फिलहाल यूपीआई ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्टस से लोगों को हुआ था असमंजस
सरकार की ओर से स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय बैंक यूपीआई सिस्टम के जरिए किए गए हरेक वित्तीय ट्रांजेक्शन में शुल्क जोड़ने पर विचार कर रही है. रिपोर्टस सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया था और कई लोगों ने रिपोर्ट पर भारत सरकार के हैंडल के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा था.
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