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बाथरूम में मिली प्रत्यूषा गरिमेला की लाश, बेडरूम से कार्बन मोनोऑक्साइड का सिलेंडर बरामद
सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर प्रत्यूषा गरिमेला की शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों मौत हो गई। 35 साल की प्रत्यूषा का शव तेलंगाना के बंजारा हिल्स में उनके घर पर मिला। उनके बेडरूम से कार्बन मोनोऑक्साइड सिलेंडर बरामद हुआ है। पुलिस ने इसे संदिग्ध मौत मानते हुए मामला दर्ज कर लिया है। प्रत्यूषा देश की टॉप 30 फैशन डिजाइनर्स में से एक थी।
माना जा रहा है कि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस सूंघने की वजह से ही प्रत्यूषा की मौत हुई है। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और शव को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया हॉस्पिटल भेज दिया गया है। बता दें कि प्रत्यूषा डिप्रेशन से भी जूझ रही थीं।
सुसाइड की आशंका
बंजारा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर नागेश्वर राव ने बताया कि प्रत्यूषा के कमरे से एक नोट भी बरामद हुआ है। इस नोट में उन्होंने किसी पर भी इल्जाम नहीं लगाया है। नोट में डिजाइनर ने लिखा, मैं बहुत अकेला महसूस कर रही हूं और डिप्रेशन में हूं।” माना जा रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है। हालांकि, अब तक कुछ भी कंफर्म नहीं हुआ है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस को बुलाया
पुलिस को इस घटना की जानकारी प्रत्यूषा के सिक्योरिटी गार्ड ने दी थी। गार्ड को जब प्रत्यूषा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो उसने तुरंत इस बात की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो उन्हें प्रत्यूषा का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। फिर पुलिस ने तुरंत इस बात की सूचना फैशन डिजाइनर के परिवार वालों और उनके दोस्तों को दी।
2013 में अपने नाम से एक लेबल शुरू किया
बता दें कि प्रत्यूषा ने अमेरिका से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद प्रत्यूषा ने हैदराबाद में बतौर फैशन डिजाइनर अपने करियर की शुरुआत की थी। प्रत्यूषा ने 2013 में अपने नाम से एक लेबल भी शुरू किया था। इसके बाद प्रत्यूषा काफी पॉपुलर फैशन डिजाइनर बन गईं थीं।
उन्होंने टॉलीवुड और कुछ बड़े बॉलीवुड सेलिब्रिटिज के लिए भी काम किया था। इसमें माधुरी दीक्षित, रवीना टंडन, काजोल, परिणीति चोपड़ा, हुमा कुरैशी, श्रिया सरन, काजल अग्रवाल, जूही चावला, गौहर खान, नेहा धूपिया, भूमि पेडनेकर समेत कई पॉपुलर सेलेब्स के नाम शामिल हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड से कैसे होती है मौत
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कार्बन मोनो-ऑक्साइड शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले रेड ब्लड सेल्स पर असर डालती है। इस गैस के संपर्क में आने के बाद मितली और चक्कर आने लगता है। कार्बन मोनोऑक्साइड सूंघने से हीमोग्लोबिन मॉलिक्यूल ब्लॉक हो जाते हैं और शरीर का पूरा ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रभावित हो जाता है।
दरअसल, हम जब सांस के जरिए ऑक्सीजन लेते हैं, तो वह हीमोग्लोबिन में घुलमिल जाती है। हीमोग्लोबिन की मदद से ही ऑक्सीजन फेफड़ों से होकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचती है। मगर जब हीमोग्लोबीन कार्बन मोनो-ऑक्साइड के संपर्क में आता है तो वह घुलता नहीं है। वह हीमोग्लोबिन मॉलिक्यूल को ब्लॉक कर देता है। ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण शरीर के सेल्स मरने लगते हैं और लोगों की मौत हो जाती है।