Home Politics News Taiwan me Nancy ne clear kiya unka Taiwan jaane ka important issue, Security, peace aur government | ताइवान दौरे के दौरान नैंसी ने साफ किया कि उनका ताइवान आने का तीन अहम मुद्दा है. सुरक्षा, शांति और सरकार.

Taiwan me Nancy ne clear kiya unka Taiwan jaane ka important issue, Security, peace aur government | ताइवान दौरे के दौरान नैंसी ने साफ किया कि उनका ताइवान आने का तीन अहम मुद्दा है. सुरक्षा, शांति और सरकार.

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Nancy Pelosi Taiwan Visit: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी  (डी-कैलिफ़ोर्निया) ने अपने ताइवान दौरे के दौरान वहां के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन और अन्य सांसदों के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात से पहले उन्होंने ताइवान की संसद को संबोधित किया. पेलोसी ने ताइवान की संसद को बताया, “हम दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक होने के लिए ताइवान की सराहना करते हैं.” उन्होंने कहा कि हम यहां आपकी बात सुनने आए हैं. कोरोना से लड़ाई में ताइवान ने मिसाल कायम किया है. साथ ही हमें ताइवान- अमेरिका की दोस्ती पर सबको गर्व है. 

चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है. जिनपिंग कई बार कह चुके हैं कि आज नहीं तो कल ताइवान चीन में शामिल होगा. इस बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन बुरी तरह से भड़क गया है और ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास का ऐलान कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ अपन दौरे के दौरान नैंसी ने मीडिया से बात करते हुए साफ किया कि उनका ताइवान आने का तीन अहम मुद्दा है. सुरक्षा, शांति और सरकार. 

उन्होंने आगे कहा कि कि हम ताइवान के लोगों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हम ताइवान के लोकतंत्र के समर्थक हैं. जल्द ही वह ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग वेन से मिलेंगी. नैंसी ने आगे कहा कि अमेरिका ताइवान में शांति चाहता है. हम ताइवान के साथ संसदीय आदान-प्रदान बढ़ाना चाहते हैं. ताइवान दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक है. उन्होंने कहा कि हम यहां आपकी बात सुनने और आपसे सीखने के लिए हैं. हमें एक साथ आगे बढ़ने का रास्ता निकालना होगा. उन्होंने कहा कि हम किस प्रकार मिलकर इस ग्रह को जलवायु संकट से बचाने के लिए काम कर सकते हैं इसपर भी बात करेंगे. 

वहीं दूसरी तरफ नैंसी पेलोसी के ताइवान दौर से भड़की चीन की सेना ने चेतावनी दी है कि हम हर उकसावे का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और अपनी क्षेत्रिय अखंडता की रक्षा करन में सक्षम है. दुर्भावनापूर्ण ताइवान की यात्रा करने वालों के लिए ये हमारी चेतावनी है. दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है इसलिए ताइवान के किसी अन्य देश से नजदीकी का विरोध भी करता है. 

क्या है चीन और ताइवान विवाद?

इन दो देशों के बीच का विवाद काफी पुराना है. साल 1949 से ही कम्यूनिस्ट पार्टी दोनों हिस्से अपने आप को एक देश तो मानते हैं. चीन अब भी ताइवान को अपना हिस्सा मानता है तो वहीं ताइवान का कहना है कि वह एक आजाद देश है. इन देशों के बीच विवाद दूसरे विश्व युद्ध के बाद से शुरु हुआ. साल 1940 में माओ त्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट ने कुओमितांग पार्टी को हरा दिया. जिसके बाद कुओमितांग के लोग ताइवान आकर बस गए. यही वह साल था जब चीन का नाम ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ और ताइवान का ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ पड़ा.

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