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Maharashtra Politics: शिवसेना राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को छापा मारा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच में सहयोग नहीं करने के चलते ED टीम संजय राउत के घर पहुंची. मिली जानकारी के अनुसार पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय का सहयोग ना करने के चलते ईडी, सांसद के घर पहुंची. शिवसेना नेता के घर ईडी की टीम पहुंचने पर बीजेपी नेता रामकदम ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कोई नेता है, इसलिए उसकी जांच नहीं होगी, ऐसा नहीं हो सकता है. अखबार सामना चला रहे हैं लेकिन जांच का सामना नहीं कर पा रहे हैं. देश में कोई भी हो, जिसनें गलत काम किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
इससे पहले 20 जुलाई को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन दिल्ली में चल रहे संसद के मानसून सत्र का हवाला देकर वह ईडी अधिकारियों के समक्ष मौजूद नहीं हुए थे. पिछले हफ्ते राउत के वकील ने ईडी अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि उनके मुवक्किल को अगस्त के पहले हफ्ते में समन जारी किया जाए लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें केवल एक हफ्ते की मोहलत दी थी.
क्या है पत्रा चॉल का मामला
पत्रा चॉल के मामले की बात करें तो साल 2007 में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को चॉल विकसित करने का ठेका दिया गया. इस योजना के तहत 47 एकड़ की जमीन पर चॉल की जगह फ्लैट बना दिया गया. समझौते के मुताबिक चॉल के निवासियों को 672 फ्लैट देना था. इसके अलावा 3,000 फ्लैट म्हाडा को देना था. समझौते के अनुसार बाकी बची जमीन पर कंस्ट्रक्शन कंपनी घर बनाकर बेच सकती थी.
हालांकि इस मामले में आरोप है कि पूरी 47 एकड़ जमीन, 1034 करोड़ रुपये में बेची गई. आरोपों के मुताबिक कंपनी ने फ्लैट नहीं बनाया. इसी मामले में ED ने प्रवीण राउत और उसके साथी सुजीत पाटकर पर केस दर्ज किया. प्रवीण राउत, गुरु आशीष, कंस्ट्रक्शन कंपनी के पूर्व निदेशक हैं. माना जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के दोस्त हैं.
आरोप है कि प्रवीण की पत्नी के खाते से संजय राउत की पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए. वहीं सुजीत पाटकर और संजय राउत की बेटी एक ट्रेडिंग फर्म में साझेदार हैं. इसके अलावा पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी पर साझा जमीन खरीदने का आरोप है.
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