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मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक गुरुवार को और तेज हो गई। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का खेमा बढ़ता जा रहा है। विधायकों के साथ ही पार्टी के तमाम अन्य नेता गुवाहाटी पहुंचकर उन्हें समर्थन देने लगे हैं। सुबह जहां 42 विधायक उनके साथ थे, वहीं रात होते होते यह संख्या बढ़कर 47 हो गई।
घटनाक्रम में एक नया मोड़ देर रात तब आया जब शिंदे की ओर से शिवसेना के 37 विधायकों के दस्तखत वाली चिट्ठी राज्यपाल और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को भेजी गई। इसमें उन्होंने खुद को शिवसेना विधायक दल का नेता चुने जाने की बात कही।
इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागी विधायकों को संदेश देते हुए कहा कि अगर सभी विधायक 24 घंटे मेें मुंबई लौटते हैं तो शिवसेना महा विकास अघाड़ी सरकार छोड़ने के लिए तैयार है, पर इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करनी होगी। हालांकि, एकनाथ शिंदे ने प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा कि उन्हें शिवसेना के महा अघाड़ी गठबंधन छोड़ने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
राष्ट्रीय दल हमारे साथ:गुरुवार शाम शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों को गुवाहाटी के होटल में संबोधित किया। उस समय मौजूद 42 विधायकों की तस्वीर भी साझा की गई। शिंदे के कार्यालय ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें वह कह रहे हैं कि हम एकजुट हैं और जीत हमारी होगी। एक राष्ट्रीय दल हमारे साथ है। उस दल ने हमें हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
बागियों का उद्धव ठाकरे को पत्र:औरंगाबाद से बागी विधायक संजय शिरशाट ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पार्टी विधायकों की मुख्यमंत्री उद्धव तक पहुंच नहीं है। मुख्यमंत्री की मंडली विधायकों को उनके पास पहुंचने से रोकती है। यही नहीं, जब आदित्य ठाकरे अयोध्या जा रहे थे तब विधायकों को साथ जाने से भी रोका गया था।
हिंदुत्व पर बात को तैयार: संजय राउत ने बागी विधायकों से कहा है कि ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए। हिन्दुत्व का मुद्दा उठाया है, हम इस पर बात को तैयार हैं। आप मुंबई आने की हिम्मत दिखाएं।
कड़ा जवाब
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