Home Daily News Russia-Ukraine ke beech karaya sulaah, isi week Delhi pauhach rahe Russian Minister, 2 april ko aayenge Israeli PM | रूस-यूक्रेन के बीच कराएगा सुलह; इसी सप्ताह दिल्ली पहुंच रहे रूसी विदेश मंत्री, 2 अप्रैल को आएंगे इजरायली PM

Russia-Ukraine ke beech karaya sulaah, isi week Delhi pauhach rahe Russian Minister, 2 april ko aayenge Israeli PM | रूस-यूक्रेन के बीच कराएगा सुलह; इसी सप्ताह दिल्ली पहुंच रहे रूसी विदेश मंत्री, 2 अप्रैल को आएंगे इजरायली PM

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दुनिया में शांति कायम करने के लिहाज से यह हफ्ता बेहद अहम साबित होने वाला है। इसमें भारत की भूमिका बेहद खास रहने वाली है। दरअसल रूस-यूक्रेन की बीच एक महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे युद्ध को विराम देने का फॉर्मूला भारत में बनाने की तैयारी है। रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव का अचानक भारत दौरा इसी दिशा में अहम कदम है। लावरोव इसी हफ्ते दिल्ली आएंगे, लेकिन दिन तय नहीं है। हालांकि, यह तय है कि उनकी यात्रा इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बैनेट की यात्रा से ठीक पहले होगी। नफ्ताली 2 अप्रैल को भारत पहुंच रहे हैं।

रूसी विदेश मंत्री से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नफ्ताली के साथ बात करेंगे। नफ्ताली की यात्रा समाप्त होने के बाद मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमिर जेलेंस्की से बात करेंगे। दूसरी ओर, नफ्ताली भी यही करेंगे। इससे रूस-यूक्रेन के बीच शांति की राह निकलने की संभावना है।

भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार संघर्ष विराम की वकालत कर रहा है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र में एक ही दिन में दो प्रस्तावों पर वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। एक प्रस्ताव यूक्रेन के पक्ष में था, जबकि दूसरा रूस के पक्ष में था। शांति के फॉर्मूले पर विस्तृत बातचीत रूस-यूक्रेन के बीच भी जारी है। भारत और इजरायल की भूमिका मतभेद के अहम पहलुओं को सुलझाने की है। 25 मार्च को अमेरिका की विदेश उपसचिव विक्टोरिया नुलैंड भी इसी मकसद से भारत आई थीं।

भारत-इजरायल की भूमिका इसलिए अहम

  • 1- भारत के रिश्ते रूस से अच्छे हैं। इसी तरह यूक्रेन के पीछे खड़े अमेरिका से भी भारत की नजदीकियां हैं। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में रूस और अमेरिका दोनों को ही भारत की जरूरत है, इसलिए विवाद सुलझाने में भारत की भूमिका अहम हो जाती है।
  • 2- क्वाड में भारत की हिस्सेदारी को लेकर अमेरिका उत्सुक है। वहीं, ब्रिक्स में पुतिन की चाहत है कि वह मोदी और शी जिनपिंग के साथ खड़े होकर पूरी दुनिया को रूस, चीन और भारत की एकजुटता दिखाएं।
  • 3- इजरायल का सबसे नजदीकी दोस्त अमेरिका है। दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमिर जेलेंस्की यहूदी हैं, जो इजरायल के लिए अहम हैं। नफ्ताली इसलिए पहले से ही मध्यस्थता की पहल कर रहे हैं।
  • 4- यूक्रेन में युद्ध खत्म कराने को लेकर भारत पहले से ही कोशिशें कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक महीने में पुतिन और जेलेंस्की के साथ फोन पर दो बार लंबी बातचीत की है।
  • 5- फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी पुतिन और जेलेंस्की से कई बार लंबी बातचीत कर चुके हैं। इसी दौरान मैक्रों और मोदी के बीच भी लंबी बातचीत हुई है। इन कोशिशों का मकसद युद्ध रोकना ही था। अमेरिका भी चाहता है कि भारत और इजरायल युद्ध रोकने का फॉर्मूला तैयार करें।
  • और पढ़े https://www.starnewshindi.com/2022/03/korea-ki-tarah-ukraine-ko-2-hisson-mr.html

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