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31 दिन से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का रुख दुनिया को चौंका रहा है। भारत के रुख पर अमेरिका चिंतित तो है, लेकिन उसे उम्मीद है कि वह भारत को अपने पाले में लाने के प्रयास में सफल हो जाएगा। व्हाइट हाउस सिक्योरिटी काउंसलिंग में इंडो पैसिफिक डायरेक्टर मिरा रैप-हूपर ने कहा कि हम भारत को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
UNSC में भारत का रुख
भारत, यूक्रेन में रूस के हमले की निंदा करने वाले सभी प्रस्तावों को लेकर UNSC में हुई वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहा था। भारत के साथ चीन और UAE ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था- हम संयुक्त राष्ट्र में सावधानीपूर्वक और ऐसा रुख अपनाते हैं जो विचारों पर आधारित होता है। हम निंदा प्रस्ताव पर विचार जरूर करेंगे, लेकिन अपने हित देखते हुए फैसला करेंगे।
भारत, यूक्रेन में रूस के हमले की निंदा करने वाले सभी प्रस्तावों को लेकर UNSC में हुई वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहा था। भारत के साथ चीन और UAE ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था- हम संयुक्त राष्ट्र में सावधानीपूर्वक और ऐसा रुख अपनाते हैं जो विचारों पर आधारित होता है। हम निंदा प्रस्ताव पर विचार जरूर करेंगे, लेकिन अपने हित देखते हुए फैसला करेंगे।
भारत को साथ लाने में जुटे बाइडेन प्रशासन
इसी हफ्ते जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की एक टॉप डिप्लोमैट विक्टोरिया नूलैंड ने नई दिल्ली में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में यूक्रेन की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। UN में भारत के वोटिंग बायकॉट से परेशान अमेरिका लगातार कूटनीति के जरिए भारत को साथ लाने की कोशिश में जुटा है।
इसी हफ्ते जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की एक टॉप डिप्लोमैट विक्टोरिया नूलैंड ने नई दिल्ली में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में यूक्रेन की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। UN में भारत के वोटिंग बायकॉट से परेशान अमेरिका लगातार कूटनीति के जरिए भारत को साथ लाने की कोशिश में जुटा है।