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Bank License: ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस बैंक के लाइसेंस को कैंसिल करने का फैसला किया. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बैंक के खाताधारकों का क्या होगा. यहां है जवाब.
RBI Cancelled Co-operative Bank License: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) देश के सभी सरकारी (Public Sector Banks), प्राइवेट और सहकारी बैंकों को रेगुलेट करता है. बैंक समय-समय पर चेक करता रहता है कि बैंक की आर्थिक स्थिति कैसी है. बैंक रिजर्व बैंक के द्वारा बनाए गए नियमों को फॉलो कर रहा है या नहीं. अगर कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो बैंक ऐसा स्थिति में बैंक पर भारी जुर्माना लगाता है. इसके साथ ही बैंक की आर्थिक स्थिति न ठीक होने पर केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) ऐसे बैंकों के लाइसेंस तक को कैंसिल कर देता है. हाल ही में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने एक बैंक के ऊपर कड़ी कार्रवाई की है और उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैंक के खाताधारकों का क्या होगा. आइए जानते हैं कि यह बैंक कौन सा है और क्या बैंक के कस्टमर खाते में जमा राशि को प्राप्त करने के हकदार हैं या नहीं.
RBI ने किस बैंक पर की कार्रवाई
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जिस बैंक पर यह कार्रवाई की है उस बैंक का नाम है बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक लिमिटेड (Babaji Date Mahila Sahakari Bank Limited). यह महाराष्ट्र के यवतमाल का कोऑपरेटिव बैंक है. रिजर्व बैंक ने इस बैंक के ऊपर इस कारण कार्रवाई की है क्योंकि बैंक की पिछले कुछ महीनों से आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी.
इसके साथ ही आगे इस बैंक में कमाई का कोई जरिया नहीं दिख रहा था. ऐसे में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हक में फैसला लेते हुए बैंक के लाइसेंस को रद्द (Babaji Date Mahila Sahakari Bank Limited License Cancelled) करने का फैसला लिया है. आरबीआई ने बैंक पर किसी भी तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी है. ऐसे में ग्राहक न अब खाते में पैसे जमा कर पाएंगे न ही निकाल पाएंगे.
क्या होगा ग्राहकों के खाते में जमा पैसे का?
रिजर्व बैंक ने बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक लिमिटेड के लाइसेंस कैंसिल हो जाने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैंक की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है. ऐसे में ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इसके लाइसेंस को कैंसिल करने का फैसला किया है. बैंक के 79 फीसदी ग्राहकों को आरबीआई के इंश्योरेंस डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) इंश्योरेंस स्कीम के तहत जमा पैसे मिल जाएंगे. DICGC एक रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी जो कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में किसी खाताधारक के 5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर DICGC उसे पूरा इंश्योरेंस क्लेम देता है. DICGC के आंकड़ों के मुताबिक 16 अक्टूबर 2022 तक किस बैंक में कुल बीमा राशि है 294.64 करोड़ रुपये.
RBI इन बैंकों के लाइसेंस को पहले कर चुका है कैंसिल
इससे पहले भी रिजर्व बैंक देश के कई को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस को कैंसिल कर चुका है. यह बैंक है महाराष्ट्र के द लक्ष्मी को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (The Laxmi Co operative Bank Limited). इसके अलावा पुणे स्थित ‘द सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ (The Seva Vikas Co-Operative Bank) का लाइसेंस भी आरबीआई ने कैंसिल किया था. आरबीआई के इस फैसले के पीछे कारण था कि इन दोनों बैंकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी.