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दक्षिण 24 परगना : ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला परिसर में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मेला परिसर के पांच मार्गों और अन्य इलाकों में 1050 सीसीटीवी और 20 ड्रोन की मदद से सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के हर पल की जानकारी ऑनलाइन राज्य सरकार के मुख्यालय नवान्न में भेजी जा रही है। गंगासागर मेले की तैयारी करीब 6 महीना पहले से की जा रही थी। मेला का औपचारिक उद्घाटन 10 जनवरी को किया गया।
मेला क्षेत्र में बनाए गए 13 बफर जोन ः मेला क्षेत्र में 13 बफर जोन बनाये गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला परिसर के करीब 51 कि.मी. क्षेत्र की बैरिकेडिंग की गई है, जिसमें कुछ स्थायी हैं और कुछ अस्थायी। 8-17 जनवरी के बीच किसी भी तीर्थयात्री की दुर्घटना में मौत होने पर उसके परिजनों काे 5 लाख रुपए दिए जाएंगे।
परिवहन के लिए 2250 सरकारी व 500 निजी बसें ः यातायात के लिए 2250 सरकारी बसें और 500 निजी बसें सागर के लिए तैनात की गई हैं। 21 जेटी, 4 बार्ज, 32 वेसल और 100 वुडन लांच की व्यवस्था की गई है। बस में सागर बंधु तीर्थयात्रियों के बीच माइकिंग कर सेवा दे रहे हैं। जिला प्रशासन ने 10 हजार स्थायी टॉयलेट बनाये हैं। जीबीडीए की ओर से 30 ई काट और 2500 सफाई कर्मी समुद्र तट पर सफाई कर रहे हैं। 142 एनजीओ भी सेवा कार्य में जुट गए हैं। मेला में 25 फायर टेंडर की व्यवस्था पुख्ता की गई है।
टेस्टिंग से लेकर सेफ होम, आइसोलेशन सेंटर व 600 बेड का हॉस्पिटल भी तैयार ः कोविड प्रोटोकॉल को लेकर विशेष व्यवस्था सागर में की गई है। विभिन्न प्रवेश मार्गों पर तीर्थयात्रियों की ऑटोमैटिक थर्मल स्क्रिनिंग की व्यवस्था है। विभिन्न मेला पॉइंट्स पर 13 रैट और आरटीपीसीआर टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। 8 सेफ होम, 6 वेलनेस केंद्र, 5 आइसोलेशन सेंटर, 600 कोविड बेड वाले हॉस्पिटल की व्यवस्था की गई है। कोविड-19 से मृत व्यक्ति के शव को जलाने की व्यवस्था की गई है। कुंभ मेला नहीं होने पर इस बार गंगासागर में ज्यादा भीड़ होने की संभावना है। मेले में 8 भाषाओं में माइकिंग करके कोविड के बारे में जागरूक किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 1 एयर एम्बुलेंस और 3 वाटर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था रहेगी। मूड़ी गंगा नदी मार्ग में पुलिस बल सुरक्षा को लेकर गश्त लगा रहे हैं।