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प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त बड़ी चूक हुई, जब पंजाब में फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों ने वह मार्ग जाम कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से मोदी एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे।
चूक मानी नहीं, जांच बैठाई : चौतरफा िघरे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसी चूक से इनकार किया, लेकिन साथ ही, ‘चूक’ की ‘गहन जांच’ के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) महताब सिंह गिल और प्रधान सचिव (गृह और न्याय) अनुराग वर्मा की दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की जो 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
प्रधान न्यायाधीश करेंगे सुनवाई : वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की कि बठिंडा के जिलाधीश को निर्देश दिया जाये कि वे प्रधानमंत्री दौरे की सुरक्षा संबंधी पंजाब पुलिस के बंदोबस्त के सभी दस्तावेज़ अदालत के सामने पेश करें। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली का पीठ शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगा।
27 आईपीएस ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी : देश के 16 पूर्व डीजीपी सहित 27 आईपीएस अफसरों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में पंजाब सरकार द्वारा कथित प्रदर्शनकारियों के सहयोग से जानबूझकर और नियोजित सुरक्षा चूक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।