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कोलकाताः देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई। हालांकि इस बार कोविड के मामले अधिक हुए, लेकिन मौत के आंकड़े कम रहे हैं। अब भारत के कई राज्यों में लॉकडॉउन लगभग हटा सा दिया गया है या बेहद आंशिक रूप से लागू है। इस बीच यह भी चर्चा जोरों पर है कि क्या स्कूल भी बच्चों के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाना चाहिए? कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बीच क्या स्कूल खोलना सुरक्षित होगा और क्या यह सही समय है? इस मुद्दे को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट के अपने-अपने मत हैं। मेडिका हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक मित्तल ने कहा कि कोविड के मामले निश्चय ही इस बार काफी अधिक आए। हालांकि पहले व दूसरे कोविड वेव में हमने देखा कि बच्चों के मामले तो सामने आए हैं, हालांकि वह अधिक घातक नहीं हुए हैं। देखा गया कि टेस्टिंग काफी हुई। इसके बाद जीनोम सिक्वेंसिंग हुई। हालांकि सभी मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं हुई है। संक्रमण ज्यादा है, हालांकि मारकता कम है, तो यह भी कहा जा रहा है कि हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है। अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि ओमिक्रॉन ही अंतिम वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) हो। हालांकि इस पर भी अलग-अलग राय है। जब पूरी दुनिया को यह पता ही नहीं है कि हम कहां जा रहे हैं तो स्कूल व कॉलेजों को क्यों बंद रखा जा रहा है, समझ से परे है। सावधानी बरतते हुए अब स्कूलों को खोलना चाहिए। 15-18 को वैक्सीन लग रही है। अब संभव है कि बच्चों में भी जल्द ही वैक्सीन शुरू हो सकेगी। इस पर बच्चों के परिजनों को भी विचार करने की जरूरत है।
फोर्टिस हॉस्पिटल के पेडियाट्रिशियन डॉ.राजेश कुमार सिंह ने कहा कि यदि सबकुछ खुल रहा है, तो भला स्कूल क्यों नहीं खोला जा सकता है। दरअसल यदि बच्चों में कोविड के मामले आए भी हैं, तो वह काफी कम आए हैं। ऐसे में यह समय की मांग है कि पूरे एहतियात के साथ स्कूल खोले जाएं।
डॉ.सुष्मिता राय चौधरी, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल ने कहा कि कोविड के कारण भले ही बच्चे कम प्रभावित हुए हैं, हालांकि इससे बच्चों का सामान्य विकास बाधित हो रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ स्कूल खोलने चाहिए।
यही सही समय है स्कूल खोलने का
सीएमआरआई हॉस्पिटल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.राजा धर ने कहा कि सही मायने में यही सही समय है कि बच्चों के लिए हम स्कूलों को खोल दें। ऐसे में मार्च में स्कूल खोले जा सकते हैं। इसकी वजह है कि भले ही इस बार कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने काफी लोगों को प्रभावित किया, हालांकि अस्पताल जाने की नौबत कम आई। बच्चों के सही विकास के लिए स्कूल खोला जाना जरूरी है।
फैटालिटी रेट पर नजर
उम्र-प्रभावित
0-15-0.08%
16-30-0.08%
(नोट-आंकड़े स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार)
फोर्टिस हॉस्पिटल के पेडियाट्रिशियन डॉ.राजेश कुमार सिंह ने कहा कि यदि सबकुछ खुल रहा है, तो भला स्कूल क्यों नहीं खोला जा सकता है। दरअसल यदि बच्चों में कोविड के मामले आए भी हैं, तो वह काफी कम आए हैं। ऐसे में यह समय की मांग है कि पूरे एहतियात के साथ स्कूल खोले जाएं।
डॉ.सुष्मिता राय चौधरी, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल ने कहा कि कोविड के कारण भले ही बच्चे कम प्रभावित हुए हैं, हालांकि इससे बच्चों का सामान्य विकास बाधित हो रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ स्कूल खोलने चाहिए।
यही सही समय है स्कूल खोलने का
सीएमआरआई हॉस्पिटल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.राजा धर ने कहा कि सही मायने में यही सही समय है कि बच्चों के लिए हम स्कूलों को खोल दें। ऐसे में मार्च में स्कूल खोले जा सकते हैं। इसकी वजह है कि भले ही इस बार कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने काफी लोगों को प्रभावित किया, हालांकि अस्पताल जाने की नौबत कम आई। बच्चों के सही विकास के लिए स्कूल खोला जाना जरूरी है।
फैटालिटी रेट पर नजर
उम्र-प्रभावित
0-15-0.08%
16-30-0.08%
(नोट-आंकड़े स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार)