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नयी दिल्ली : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में एएसएल रिपोर्ट में महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। एएसएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि विगत 1 जनवरी को जब प्रधानमंत्री की एसपीजी और पंजाब पुलिस के बीच बात हुई थी, उस समय सभी विकल्पों पर विचार किया गया था। एसपीजी ने 3 जनवरी को एक पत्र भी पंजाब पुलिस को भेजा था, जिसमे मौसम खराब होने के कारण सभी वैकल्पिक रूट की जानकारी साझा की गयी थी। वहीं पंजाब सरकार ने कहा था कि प्रधानमंत्री का अचानक सड़क मार्ग से जाने की योजना बनी थी, लेकिन पहले ही इन सब पर चर्चा हुई थी।
एएसएल की विस्तृत बैठक के बाद एसपीजी द्वारा तैयार की गयी एएसएल रिपोर्ट के पेज 23 में इस आशय की जानकारी दी गयी है। एएसएल की बैठक में एडीजीपी पंजाब पुलिस सुरक्षा प्रबंध के प्रभारी, आईजी सीआई पंजाब, आईजीपी लुधियाना रेंज, डीआईजी फिरोजपुर, डीसी फिरोजपुर, एसएसपी फिरोजपुर व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
रिपोर्ट में कहा गया था कि खराब मौसम होने की स्थिति में वीवीआईपी द्वारा वायुसेना स्टेशन बठिंडा से फिरोजपुर और वापस जाने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा की जा सकती है। वीवीआईपी के लिए निर्धारित मार्ग को सभी तरह से सुरक्षित करने की जरूरत है। वैकल्पिक मार्गों को भी सुरक्षित किया जाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि एएसएल को आगामी तारीख के दिन खराब मौसम की उम्मीद थी। वीवीआईपी आकस्मिकता मार्ग सुरक्षा व्यवस्था का एक हिस्सा था और इसको लेकर एएसएल की बैठक में चर्चा हुई थी। वीवीआईपी के इमरजेंसी रूट को सुरक्षित करने के तरीके पर एएसएल रिपोर्ट में विस्तृत निर्देश सूचीबद्ध हैं। एसएल की रिपोर्ट के पृष्ठ 24 में यह जिक्र है कि ‘वैकल्पिक मार्ग की भी पहचान की जाएगी और इसका पूर्वाभ्यास किया जाएगा।’ पेज 24 में उल्लेख है कि ‘रास्ते में कुछ गांव भी हैं। सड़क पर भीड़ होने की संभावना है, इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने के उचित उपाय किए जाने चाहिए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील स्थानों पर रस्सियों के साथ पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया जा सकता है।’ पृष्ठ 24 में उल्लेख किया गया है कि ‘खराब मौसम की स्थिति में संभावना है कि बठिंडा से फिरोजपुर तक सड़क की आवाजाही हो सकती है इसलिए बीच रास्ते में आने वाले सभी थानों को अलर्ट किया जाए।’ वीवीआईपी के इमरजेंस रूट और इसकी सुरक्षा और इसकी उचित स्वच्छता पर हमेशा राज्य प्रशासन (डीएम और अन्य विभागों) पंजाब पुलिस, एसपीजी, आईबी के साथ-साथ अन्य हितधारकों के बीच चर्चा और योजना बनाई गयी थी।
1 जनवरी तक सभी के सामने यह स्पष्ट था कि खराब मौसम संभव और अपेक्षित था। पंजाब सरकार और पुलिस एएसएल की सिफारिशों को लागू करने में विफल रही और इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा खतरे में थी।