Home Daily News Lockup me jinko maara ja raha tha unki video viral hui, Family ka claim wo protest nhi kar rahr the | हवालात में जिनकी पिटाई का वीडियो वायरल, परिवार का दावा वो प्रदर्शन में थे ही नहीं

Lockup me jinko maara ja raha tha unki video viral hui, Family ka claim wo protest nhi kar rahr the | हवालात में जिनकी पिटाई का वीडियो वायरल, परिवार का दावा वो प्रदर्शन में थे ही नहीं

0

 Daily News

भाजपा विधायक और पूर्व पत्रकार शलभ मणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को मुसलमान समुदाय के प्रदर्शनों के बाद पुलिस हिरासत में पिटाई का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- रिटर्न गिफ्ट।

ये वीडियो वायरल हो चुका है और सहारनपुर का बताया जा रहा है।

सहारनपुर के SSP आकाश तोमर ने भास्कर से कहा- ये वीडियो सहारनपुर का नहीं है। थाने में बंद लोगों की पिटाई के कई और वीडियो भी वायरल हुए हैं। दैनिक भास्कर ने सहारनपुर में ऐसे ही लोगों के परिवारों से बात की जिनका दावा है कि वीडियो में दिख रहे लोग उनके परिजन हैं और बेगुनाह हैं।

पीड़ितों के परिजन बोले, हमारे सबूत देखे पुलिस

मुन्नी बेगम शहर के खत्ताखेड़ी इलाके में रहती हैं। उनके पति फुरकान सोफा कारीगर हैं। बेटा अब्दुल समद भी पिता का हाथ बंटाता है। उन्होंने हाल ही में नया घर बनाया है। मुन्नी बेगम दावा करती हैं कि पिटाई के वीडियो में दिख रहे तीन लोगों में उनके पति फुरकान, पति के दोस्त मेहराज और उनके देवर के बेटे मोहम्मद कैफ दिख रहे हैं।

मुन्नी कहती हैं, “मेरा बेटा अब्दुल समद चचेरे भाई मोहम्मद कैफ के साथ कमेटी के पैसे देने शाम को साढ़े चार बजे घर से मोटरसाइकिल पर निकला था। रास्ते में उन दोनों को पकड़ लिया और थाने में बंद कर दिया।” हालांकि इस बारे में SSP आकाश तोमर का कहना है कि जितने भी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं।

SSP नहीं दिखा पाए सबूत

जब हमने SSP से कैफ, समद, फुरकान और मेहराज के खिलाफ सबूत होने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पुलिस के पास इन चारों के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत हैं। हालांकि, उन्होंने कोई सबूत हमें दिखाया तो नहीं, लेकिन मुहैया कराने का वादा किया।

ये रिपोर्ट प्रकाशित होने तक पुलिस की तरफ से हमें कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से कई के खिलाफ पुलिस के पास भीड़ में शामिल होने के सबूत हैं, जो हमें दिखाए भी गए।

मुन्नी के मुताबिक, उनके पति फुरकान अपने दोस्त मेहराज के साथ थाने में बच्चों के बारे में पता करने गए थे, जहां उन्हें भी हिरासत में लेकर बंद कर दिया गया।

जब हमने फुरकान और मेहराज की गिरफ्तारी के बारे में पुलिस से सवाल किया तो SSP आकाश तोमर का कहना था, “सभी साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर ही गिरफ्तारियां हुई हैं। जिनके खिलाफ सबूत नहीं थे, ऐसे कई लोगों को छोड़ा भी गया है। जितने भी लोगों को जेल भेजा गया है, उन सबके के खिलाफ हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं।”

पीड़ितों ने  दिखाए CCTV फुटेज


इन चारों को फिलहाल जेल भेज दिया गया है। मुन्नी बेगम ने दैनिक भास्कर को कुछ CCTV फुटेज दिखाए हैं, जिनमें उनका बेटा समद भाई कैफ के साथ शुक्रवार शाम 4 बजकर 38 मिनट पर घर के पास ही मोटरसाइकिल पर खड़ा दिखता है। मुन्नी बेगम का दावा है कि कैफ और समद ने पास की मस्जिद में नमाज पढ़ी और उसके बाद सीधे घर आ गए थे।

परिवार का दावा है कि कैफ और समद जब कमेटी के पैसे देने जा रहे थे, तब रास्ते में पुलिस ने उन्हें पकड़ा। इसके कुछ देर बाद ही समद और कैफ को सिटी कोतवाली ले जाया गया। बाद में जब फुरकान और मेहराज उनके बारे में पूछने गए तो उन्हें भी वहीं बंद कर दिया गया।

पुलिस ने मेहराज को दंगाई बना दिया

मेहराज शहर के मुबारक शाह मोहल्ले के ठठेरों वाली गली में रहते हैं। उनके छोटे भाई मोहम्मद इमरान दावा करते हैं, “मेरे बड़े भाई मेहराज पूरा दिन घर पर ही थे। उन्होंने पास ही स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी और फिर घर आ गए। बाद में उनकी बीवी ने उनसे दही मंगाया। दही लाकर वो सो गए। शाम को उनके दोस्त फुरकान का फोन आया था, जिसके बाद वो उनके साथ थाने चले गए थे। अब पुलिस ने उन्हें दंगाई बना दिया है।”

इमरान हमें एक वीडियो दिखाते हैं, जिसमें पुलिस लोगों को पीट रही है। कुछ दीवार से मुंह करके खड़े हैं। अपने भाई की पहचान करते हुए इमरान दावा करते हैं कि मेहराज को भी बहुत मारा गया। इमरान बताते हैं कि मेहराज से जब मुलाकात करने गए थे तब उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें बहुत बुरी तरह पीटा और गालियां दीं।

इमरान ने हमें कई CCTV वीडियो भी दिखाए जिनमें उनके भाई मेहराज शहर में हुए उपद्रव के समय अपने घर के पास ही नजर आते हैं। वो पास की दुकान से दही खरीदते हुए और अपनी गली से शाम के वक्त जाते हुए भी दिखते हैं।

SSP आकाश तोमर कहते हैं, “शुक्रवार को जो घटनाक्रम हुआ, वो एक बड़े दंगे में बदल सकता था। पुलिस की जिम्मेदारी कानून व्यवस्था संभालने की है। हम किसी गुनाहगार को छोड़ेंगे नहीं और बेगुनाह को सताया नहीं जाएगा।”

जब हमने दोबारा वायरल वीडियो के बारे में SSP से सवाल किया तो उनका कहना था- ऐसे वायरल वीडियो संज्ञान में तो आए हैं, लेकिन किसी वीडियो के सहारनपुर का होने की पुष्टि नहीं हुई है।

मुन्नी कहती हैं, “पुलिस ये साबित करे कि मेरे बेटे और पति गुनाहगार हैं और फिर जो सजा देनी है दे। हमारे पास उनकी बेगुनाही के सबूत हैं। लेकिन हमारी कोई सुन ही नहीं रहा है।”

जो उपद्रवी होंगे, उनके घर चलेंगे बुलडोजर

सहारनपुर में पुलिस प्रशासन ने उन दो लोगों को घरों पर बुलडोजर चलाया है जिनकी उपद्रव में भूमिका सामने आई थी। इनमें से एक किराए के घर में रहता है। क्या गिरफ्तार किए गए और लोगों के घरों पर भी बुलडोजर चल सकता है, इस सवाल पर SP सिटी राजेश कुमार कहते हैं, “प्रशासन अपना काम कर रहा है। आगे भी बुलडोजर चलेगा। जिनके मकान अवैध पाए जाएंगे तो वो भी तोड़े जाएंगे।”

बुलडोजर चलाए जाने के सवाल पर तोमर ने कहा, “नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने उन्हीं घरों को तोड़ा है जो अवैध बने हैं। आगे भी ऐसी कार्रवाई नगर निगम और प्रशासन कर सकता है।”

बुलडोजर के खौफ से नींद उड़ी

मुन्नी बेगम के परिवार ने हाल ही में कर्ज लेकर नया घर बनाया है। मुन्नी इस डर से रात को सो भी नहीं पा रही हैं कि कहीं उनका घर भी ना गिरा दिया जाए। मुन्नी कहती हैं, “मेरा बेगुनाह बेटा और मेरे बेगुनाह पति जेल में हैं। घर में अब कोई कमाने वाला नहीं है। मेरी दो छोटी बेटियां हैं। अब अगर ये घर भी गिरा दिया तो मैं कहां जाउंगी।”

शुक्रवार को ऐसे शुरू हुई थी हिंसा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ प्रोटेस्ट हुआ था। हजारों लोगों की भीड़ ने जामा मस्जिद से घंटाघर तक मार्च किया था। घंटाघर से लौटते हुए प्रदर्शनकारियों का एक समूह हिंसक हो गया था और नेहरू मार्केट में दुकानों को निशाना बनाया गया था।

अब तक 84 गिरफ्तार, 100 की पहचान

पुलिस अब उपद्रव मचाने वालों की पहचान कर रही है। अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 100 से अधिक की पहचान की गई है। पुलिस आगे भी गिरफ्तारियां कर सकती है।

जो लोग प्रोटेस्ट में शामिल थे, या जो गिरफ्तार हुए हैं उनके परिजनों में अब बुलडोजर और पुलिस कार्रवाई का खौफ साफ नजर आ रहा है। शहर में बहुत से लोग प्रशासन की इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहते हैं कि सख्त कार्रवाई ना करने से गलत संदेश जाएगा और आगे भी ऐसा ही उपद्रव हो सकता है।

कई लोगों का ये मानना है कि प्रशासन जरूरत से ज्यादा सख्त कार्रवाई कर रहा है और चपेट में कई बेगुनाह भी आ रहे हैं। परिवारों ने अपने सबूत सामने रख दिए हैं। अब पुलिस के सबूतों का इंतजार है।

और पढ़े starnewshindi.com/2022/06/metro-dairy-case-me-high-court-ka.html

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here