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कोलकाता : हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज के डिविजन बेंच में चार नगरनिगमों के चुनाव टाले जाने की अपील करते हुए एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। मंगलवार को इसकी सुनवायी के दौरान चीफ जस्टिस ने आयोग से सवाल किया कि क्या उनके पास चुनाव टालने का अधिकार है। डिविजन बेंच ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग को कुछ मुद्दों पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
एडवोकेट बिक्रम बनर्जी ने यह पीआईएल दायर की है। यहां गौरतलब है कि विधाननगर, आसनसोल, सिलीगुड़ी और चंदननगर नगरनिगम के चुनाव 22 जनवरी को कराए जाने हैं। इसके पक्ष में बहस करते हुए एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या ने कहा कि कोविड के कारण हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। जिन नगरनिगमों के चुनाव होने हैं उनमें से बहुत से क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयोग गाइड लाइन लागू करता है पर इस पर कितना अमल होता है यह केएमसी के चुनाव में स्पष्ट हो गया था। इससे पहले भी चुनाव आयोग ने कोविड के कारण चुनावों को टाल दिया था। पिछली गाइड लाइन पर अमल नहीं हो पाया इसलिए संशोधित गाइड लाइन जारी की गई है। राज्य चुनाव आयोग के संयुक्त सचिव इंद्रनील मुखर्जी की तरफ से एफिडेविट दाखिल किया गया है। चुनाव आयोग की तरफ से एडवोकेट जिष्णु साहा ने एडवोकेट सोनल सिन्हा के साथ कहा कि राज्य सरकार ने लॉक डाउन नहीं लगाया है। चुनाव आयोग ने सारे एहतियाती उपाय किए हैं। अगर गाइड लाइन का पालन किया जाता है तो चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि क्या आपने यह आकलन किया है कि कितने लोग कोविड से संक्रमित हैं। क्या आप के पास चुनाव टालने का अधिकार है तो आयोग ने राज्य सरकार का हवाला दिया। इस पर चीफ ने कहा कि आयोग तो स्वायतशासी संस्थान है तो इसमें राज्य सरकार की क्या भूमिका है। इसके बाद राज्य सरकार के एडवोकेट अनिर्वाण राय को आदेश दिया कि इन चार नगरनिगमों में कितने कंटेनमेंट जोन हैं और कोविड संक्रमण की स्थिति क्या है इस पर 13 जनवरी को होने वाली सुनवायी में एक रिपोर्ट दें।