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Gujarat Politics: गुजरात की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पिछले 27 सालों से शासन कर रही है. बीजेपी की निगाहें सातवीं बार गुजरात में सरकार बनाने पर टिकी हुई हैं.
बीजेपी ने की ‘कारपेट बॉम्बिंग’ की तैयारी
बीजेपी ने 18 नवंबर को गुजरात के 89 निर्वाचन क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्रियों और राज्य के नेताओं की जनसभाओं के साथ ‘कारपेट बॉम्बिंग’ की रणनीति बनाई है. गुजरात चुनाव में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री, राज्य के नेता, विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार और अन्य प्रचारक इन निर्वाचन क्षेत्रों में जनसभाएं करेंगे. बताया जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत, धर्मेंद प्रधान, स्मृति ईरानी सहित कई केंद्रीय मंत्री इन निर्वाचन क्षेत्रों में सभा या सार्वजनिक बैठकें करेंगे. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य पार्टी अध्यक्ष सीआर पाटिल भी एक सभा को संबोधित करेंगे.
बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन
बीजेपी का मानना है कि उसके पास न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि राज्य स्तर पर भी बड़े नेता हैं और इसी तरह पार्टी चुनाव में उतरी है. बीजेपी ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के इस शक्ति प्रदर्शन में गुजरात के अलग-अलग स्थानों पर 3,000 से 5,000 और 20,000 तक की भीड़ वाली रैलियां शामिल होंगी. गुजरात की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पिछले 27 सालों से वहां शासन कर रही है. बीजेपी की निगाहें सातवीं बार गुजरात में सरकार बनाने पर टिकी हुई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे थे.
बीजेपी के लिए ‘आप’ सबसे बड़ी चुनौती
गुजरात लंबे समय से बीजेपी का गढ़ रहा है और पार्टी इस बार भी भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने की कोशिश में लगी हुई है. हालांकि, इस बार बीजेपी को अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) से कड़ी चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने इसुदान गढ़वी को अपने मुख्यमंत्री पद के उममीदवार के रूप में नामित किया है. वहीं, कांग्रेस भी राज्य की बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है. गुजरात में कुल 182 विधानसभा क्षेत्र हैं. इस बार गुजरात में दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.