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Gold Supply Cut in India: भारत में सोने की सप्लाई को लेकर ऐसी खबर आ रही है जो सुनारों से लेकर गोल्ड मर्चेंट्स और आम लोगों के लिए चिंता की खबर हो सकती है. सोना महंगा भी हो सकता है.
Gold Supply Cut in India: आज दशहरा का त्योहार है और कल ही नवरात्रि के नौ दिन पूरे हुए हैं. आज दशहरा से लेकर आने वाले धनतेरस और दीवाली के त्योहार के दिन लोग जमकर सोने की खरीदारी करते हैं. लोग इन त्योहारों पर सोने की खरीदारी को शुभ मानते हैं लिहाजा सोने की मांग इस समय अपने चरम पर होती है. वहीं इनके तुरंत बाद शादियों का सीजन होने के चलते भी जमकर गोल्ड की डिमांड आती है, हालांकि भारत में सोने की सप्लाई को लेकर ऐसी खबर आ रही है जो सुनारों से लेकर गोल्ड मर्चेंट्स और आम लोगों के लिए चिंता की खबर हो सकती है.
भारत में घट रही सोने की सप्लाई- रॉयटर्स रिपोर्ट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए सोने की सप्लाई में कटौती की जा सकती है और देश में सोने की डिमांड पूरी ना होने की स्थिति आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो देश में सप्लाई कम होने से डिमांड पूरी नहीं हो पाएगी और सोने के दाम बढ़ सकते हैं. देश में सोना महंगा हुआ तो लोगों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा और जेब पर ज्यादा बोझ आएगा, हालांकि ऐसा क्यों हो सकता है-इसकी वजह आपको जान लेनी चाहिए.
तिजोरियों में बचा कुछ किलो सोना
भारत के प्रमुख सोने के आपूर्तिकर्ता त्योहारों से पहले ज्यादा सोने का इंपोर्ट करते हैं लेकिन इस साल ऐसा नहीं देखा गया है. भारत में मुंबई के एक वॉल्ट अधिकारी ने कहा है कि साल के इस समय के दौरान कुछ टन सोना वॉल्ट्स में होता है लेकिन अब हमारे पास कुछ किलो ही शेष है. इससे साफ संकेत मिल रहा है कि त्योहारी मौके पर भारत में सोने की वो सप्लाई मौजूद नहीं रहेगी जो हर साल होती है.
सोने की कमी का संकट पैदा हो सकता है
रिपोर्ट के मुताबिक आईसीबीसी स्टैंडर्ड बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के वॉल्ट्स में पिछले साल के मुकाबले इस साल सोने का 10 फीसदी से भी कम हिस्सा बचा है. ये एक साल पहले इंपोर्ट किए सोने का बचा हुआ हिस्सा है, लिहाजा इस साल भारतीय बाजार में सोने की कमी का संकट पैदा हो सकता है. हालांकि आईसीबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के अलावा जेपी मॉर्गन ने भी इस विषय पर कुछ कहने से इंकार कर दिया है.
भारत में गोल्ड इंपोर्ट घटा-चीन व तुर्की में बढ़ा
इस साल सितंबर में भारत का सोने का इंपोर्ट एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी गिरकर 68 टन पर आ गया है. हालांकि तुर्की के सोने का आयात इसी अवधि में 543 फीसदी बढ़ चुका है. चीन का आयात भी अगस्त में 40 फीसदी बढ़ा है जो इसका 4 सालों का हाई लेवल बताया जा रहा है. साफ तौर पर भारत से हटकर चीन और तुर्की को गोल्ड सप्लायर ज्यादा सोना भेज रहे हैं जिससे देश के लिए सोने की आपूर्ति घटी है.
सोने की कम सप्लाई का क्या कारण है
भारत में सोने का भाव ग्लोबल गोल्ड बेंचमार्क प्राइस से 1-2 डॉलर प्रति औंस ही ज्यादा रह गया है जबकि चीन में सोने पर 20 से 45 डॉलर प्रति औंस के प्रीमियम पर सोना बेचा जा रहा है. इसके अलावा टर्की (तुर्की) में भी सोने के इंपोर्ट में जबरदस्त तेजी देखी गई है और यहां सोने पर 80 डॉलर प्रति औंस के लगभग प्रीमियम पर सोना बेचा जा रहा है. लिहाजा भारत से हटकर सोना चीन और तुर्की में ज्यादा जा रहा है. चीन गोल्ड का सबसे बड़ा इंपोर्टर है और इसके बाद दूसरे स्थान पर भारत है.