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रूस और यूक्रेन जंग का असर कार बनाने वाली कंपनियों पर भी पड़ा, रूस से प्रोडक्शन शिफ्ट करने का कर रही प्लान
इस हफ्ते यूक्रेन में रूस के बीच चल रही जंग ने यूरोपीय और ग्लोबल मार्केट को कमजोर कर दिया है। जिसके चलते व्हीकल्स बनाने वाली कंपनियों पर भी इससे भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक इससे ऑटो सेक्टर की सप्लाई चैन, प्रोडक्शन और वर्क फोर्स पर भी असर पड़ने वाला।
व्हीकल्स मैन्युफैक्चरर वोक्सवैगन, रेनो और टायर बनाने वाली कंपनी नोकियन टायर्स समेत कई कंपनियों ने यूक्रेन पर रूस के हमले को देखते हुए प्रोडक्शन बंद करने और वहां से अपने प्लांट को दूसरे जगह शिफ्ट करने का प्लान बना रही हैं। हुंडई और किआ कंपनी यहां बड़े लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं। जो जंग की वजह से प्रभावित हुई है इससे इन कोरियन कंपनियों का सिर दर्द बढ़ गया है।
रूस पैलेडियम मेटल का सबसे बड़ा सप्लायर
रूस में बड़ी मात्रा में पैलेडियम मेटल पाई जाती है। रूस पैलेडियम मेटल का सबसे बड़ा सप्लायर है। पैलेडियम का इस्तेमाल व्हीकल्स से निकलने वाली जहरीली गैसों जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के असर को कम करने के लिए होता है। साथ ही पेट्रोल और हाइब्रिड व्हीकल्स के एग्जॉस्ट मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट्स, डेंटल ट्रीटमेंट, ज्वैलरी में भी होता है।इस जंग की वजह इसकी सप्लाई चैन रुकेगी और कीमत भी बढ़ेगी, जिसका असर भारत के व्हीकल्स की कीमतों पर देखने को मिल सकता है।
वोल्क्सवैगन और स्कोडा जैसी कंपनियों ने टाला शिपमेंट
जंग के शुरू होती ही रूस की कंपनियों ने कई ग्लोबल ऑटोमेकर और लोकल डीलर्स से अपने शिपमेंट को टाल दिया है। ऑडी चेवरोलेट को नोटिस जारी कर चुकी हैं तो वोल्क्सवैगन और स्कोडा इसकी तैयारी में हैं। पोर्शे और टाटा ग्रुप लैंड रोवर भी अपने शिपमेंट को टालने की शुरुआत कर चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ऑडी ने भी अपने पार्टनर को बता दिया है कि वह शिपमेंट को अभी रोक कर रखेगा। वहीं जो भी इन्वेंट्री रूस में पहले से मौजूद हैं उनकी डिलीवरी जारी रहेगी।
सेमीकंडक्टर की कमी से हुंडई और किआ कंपनी पर असर पड़ेगा
कोरिया की कार बनाने वाली कंपनी हुंडई और किआ यूक्रेन देश पर निर्भर हैं। वे यूक्रेन से नियॉन, क्रिप्टॉन, जेनान जैसी गैसों को इंपोर्ट करती हैं। जिसकी वजह से ईवी बैटरी से लेकर सेमीकंडक्टर तक की सप्लाई में कमी का सामना इन कंपनियों को करना पड़ेगा। जिससे इनकी कीमत भी बढ़ सकती हैं
हुंडई ने 2010 में रूस में पहली फैक्टरी लगाई
हुंडई ग्रुप ने पहली बार 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक फैक्टरी लगाई और हाल ही में उत्तरी अमेरिका को एक्सपोर्ट के लिए हुंडई टक्सन, पलिसडे और किआ स्पोर्टेज प्रोडक्शन के लिए पहले की जनरल मोटर्स की फैसिलिटी खरीदी। व्हीकल कंपनियां रूस में अभी सालाना 2.30 लाख से ज्यादा कारों का प्रोडक्शन करती हैं।
हुंडई, किआ और हैंकूक टायर्स ने रूस से ऑफिस खाली किया
डई कीव, यूक्रेन में लोकल सेल्स ऑफिस चलाती है और किआ रियो सेडान और हैचबैक का प्रोडक्शन जापोरोजे, यूक्रेन में जाज फैक्टरी में करती है। एक दूसरी कोरियाई कंपनी हैंकूक टायर्स ने भी देश में अपने सेल्स ऑफिस को खाली कर दिया। यूक्रेन में ग्लोबल ईवी बैटरी सेल प्रोड्क्शन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
कोरियाई ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन को डर है कि इस साल उसके ग्रुप की बिक्री 29% तक गिर सकती है। ठीक इसकी तरह 2014 में क्रीमिया में रूसी घुसपैठ के बाद ऑटो इंपोर्ट में 62% की गिरावट देखी गई थी।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट रूस पर नए प्रतिबंध लगाए
यूक्रेन पर रूस में जंग करने की वजह से अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने रूस की फाइनेंशियल और कुछ आर्थिक इंस्टीट्यूशन के मुख्य बुनियादी ढांचे को टारगेट करेगा। सबरबैंक, VTB बैंक, ओटक्रिटी, सोवकॉमबैंक और नोविकॉमबैंक जैसे बैंकों को टारगेट करते हैं। यह कदम अमेरिकी आर्गनाइजेशन के साथ किसी भी ट्रेडिंग पर बैन लगाने वाली कंपनियों और उनके ऑफिसर्स के किसी भी अमेरिकी असेट्स को फ्रीज करने के लिए है।
जेडी पावर और LMC ऑटोमोटिव एनालिस्ट ने इस साल 2022 में ग्लोबली लाइटवेट व्हीकल्स के प्रोडक्शन को घटाकर 8.58 करोड़ यूनिट कर दिया है, इस साल 4 लाख व्हीकल की कटौती होगी। हालांकि, लाइटवेट व्हीकल्स की बिक्री की ग्लोबल लेवर पर अभी भी 5% बढ़ने की उम्मीद है।
दूसरे व्हीकल्स मैन्युफैक्चरर में रेनो और उसके साथी ब्रांड स्टेलंटिस और टोयोटा शामिल हैं। रेनो ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह मॉस्को (रूस) में 28 फरवरी से 5 मार्च तक प्रोडक्शन नहीं करेगी।