Home Daily News Firozpur me Modhi ki rally me farmers jayene against | फिरोजपुर में मोदी की रैली का किसान करेंगे विरोध

Firozpur me Modhi ki rally me farmers jayene against | फिरोजपुर में मोदी की रैली का किसान करेंगे विरोध

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चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली का विरोध करने को लेकर किसान संगठनों के बीच मतभेद उभरने लगे हैं।

किसान मजदूर संघर्ष समिति ने जहां नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली का विरोध करने का ऐलान किया है, वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां) ने इससे इनकार किया है। किसान यूनियन एकता (उग्राहां) के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की रैली में कोई खलल नहीं डालेंगे अलबत्ता उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून रद्द करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की अन्य सभी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकार ने लखीमपुर खीरी घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, उत्तर प्रदेश के किसानों पर दर्ज हत्या के मामले वापस लेने, दिल्ली और हरियाणा में किसानों पर दर्ज मामले रद्द करने की दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर भी सक्रिय नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर उनकी यूनियन सोमवार को राज्य के गांवों में अर्थी दहन कर रोष प्रदर्शन करेगी। पांच जनवरी को जिला मुख्यालयों अथवा तहसील स्तर पर केंद्र सरकार के पुतले दहन किये जाएंगे। जोगिंदर सिंह के अनुसार राज्य के किसानों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के साथ 2 जनवरी के बजाय अब 7 जनवरी को बैठक होगी, जिसमें किसानों की कर्ज माफी, नशे पर अंकुश लगाने, नौजवानों को रोजगार देने समेत कांग्रेस सरकार के किए सभी वादों को पूरा करने का मामला उठाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संगठन न तो राजनीति में भाग लेगा और न ही किसी का समर्थन करेगा। वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति कमेटी के सतनाम सिंह पन्नू और महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने एक बयान जारी कर कहा है कि किसान फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की रैली नहीं होने देंगे। कमेटी की प्रदेश स्तरीय बैठक में रैली का विरोध करने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून तो रद्द कर दिए हैं लेकिन एमएसपी गारंटी कानून बनाने, प्रदूषण अधिनियम में सुधार, बिजली संशोधन-2020 को रद्द करने, आंदोलन के दौरान मौत को प्राप्त किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा और इनके परिवारों को सरकारी नौकरी तथा गिरफ्तार किसानों को रिहा करने समेत अन्य मांगें अभी बाकी हैं। इन पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई की है। मोदी शेष मांगों को भी स्वीकार कर लें इसके बाद वह फिरोजपुर में रैली करें, उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने बताया कि समिति ने पंजाबभर के किसानों को प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने के लिए फिरोजपुर पहुंचने की अपील की है। समिति के नेताओं ने साफ किया कि किसानों ने अपना आंदोलन सिर्फ स्थगित किया है। मोदी राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए फिरोजपुर से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं लेकिन केंद्र की किसानों की मांगों के प्रति उदासीनता के चलते किसानों ने मोदी रैली नहीं होने देने का फैसला लिया है।

समिति ने फिरोजपुर, मोगा, फजिल्का, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, मुक्तसर, फरीदकोट समेत राज्यभर से किसानों को 5 जनवरी को फिरोजपुर पहुंचने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समिति ने प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने की पहले से घोषणा कर दी है ऐसे में राज्य में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिये राज्य सरकार को इस रैली को रद्द कर देना चाहिये। इन्होंने राज्य की चन्नी सरकार को भी चेतावनी दी कि उसने अगर 4 जनवरी तक किसानों और मजदूरों की मानी गयीं मांगें लागू नहीं की तो 8 जनवरी को राज्यभर के सभी मंत्रियों और विधायकों के आवास के बाहर रोष प्रदर्शन किये जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा चुनाव अब सिर पर हैं और मोदी इसके लिये भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस और टकसाली नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन के लिये फिरोजपुर से रैली कर चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं जिसके लिये भाजपा और उसके गठबंधन दल व्याप्त तैयारियां कर रहे हैं और रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हुये हैं।

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