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एक दिन इंसान अपना दिमाग रोबोट में डाउनलोड कर सकेंगे, यादों का बैकअप रख सकेंगे और याद्दाश्त फिर पा सकेंगे
टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने बताया कि एक दिन ऐसा आएगा जब इंसान अपने दिमाग को रोबोट में डाउनलोड कर सकेंगे। इस तरह इंसान हमेशा के लिए जीने में सक्षम होंगे।
यह एक बड़ा अंतर होगा
मस्क के मुताबिक, ‘मुझे लगता है कि यह संभव है। हमें लगता है कि जो चीजें हमें अनूठा बनाती हैं, हम उन चीजों को डाउनलोड कर सकते हैं। आप भले ही उस शरीर में नहीं होंगे, लेकिन यह एक बड़ा अंतर होगा। लेकिन जहां तक हमारी यादों, हमारे व्यक्तित्व को सहेजने की बात है, हम ऐसा कर सकते हैं।’
मस्क के मुताबिक, ऐसी तकनीक आज की कम्प्यूटर मेमोरी का क्रमिक विकास ही होगी। हमारी यादें, हमारे मोबाइल-कम्प्यूटर में चित्रों और वीडियो के रूप में संग्रहित हैं। कम्प्यूटर और फोन संवाद करने की हमारी क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे हम वे चीज करने में सक्षम होते हैं जिन्हें जादुई माना जाता था।
हम पहले से ही अपने मानव मस्तिष्क को कम्प्यूटर के साथ बड़े पैमाने पर विकसित कर चुके हैं। मानव चेतना को किसी कृत्रिम शरीर में डाउनलोड कर जीवन को बढ़ाने की कल्पना दशकों से विज्ञान से जुड़ी काल्पनिक कहानियों का हिस्सा रही है। 1964 में आए उपन्यास ‘ड्यून’ में ऐसे प्राणियों को ‘साइमेक्स’ नाम दिया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि ‘माइंड अपलोडिंग’ तकनीक एक दिन संभव हो सकती है। हालांकि कब होगी, यह निश्चित नहीं है।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान और तंत्रिका विज्ञान के प्रो. माइकल एसए ग्राजियानो ने वाॅल स्ट्रीट जरनल में लिखा था कि माइंड अपलोडिंग के लिए दो तकनीक की जरूरत होगी: कृत्रिम मस्तिष्क, और व्यक्ति के मस्तिष्क का स्कैन, जिससे यह आंका जा सके कि इसके न्यूरॉन कैसे एक-दूसरे से जुड़ते हैं। ग्राजियानो के मुताबिक, कृत्रिम मस्तिष्क बनाना अपेक्षाकृत सरल होगा।
मालूम हो, मस्क का वर्तमान स्टार्ट-अप न्यूरालिंक ‘ब्रेन-मशीन इंटरफेस’ विकसित करने के लिए काम कर रहा है। मस्क के मुताबिक, एक दिन लोग अपनी यादों का बैकअप रख सकेंगे और याद्दाश्त को फिर हासिल कर सकेंगे।
मस्क के दुनिया बदल देने वाले ‘ऑप्टिमस’ रोबोट का उत्पादन 2023 से
एलन मस्क इन दिनों एक ह्यूमेनॉयड रोबोट ‘ऑप्टिमस’ पर काम कर रहे हैं। इसका प्रोटोटाइम 2022 के अंत तक बन जाएगा। वहीं 2023 तक व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसे टेस्ला की कारें बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि मस्क का कहना है कि ‘ऑप्टिमस’ दुनिया बदल देगा। इसका इस्तेमाल निजी जिंदगी में भी किया जा सकेगा। यह उन चीजों को भी कर सकेगा, जो हम इंसान नहीं करना चाहते।
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