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नई दिल्ली |
भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित होने जा रहे शीत ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। बीजिंग में भारतीय राजदूत इन समारोहों में शामिल नहीं होंगे। गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हुए संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को चीन द्वारा शीत ओलंपिक में मशाल वाहक के रूप में सम्मानित किए जाने पर भारत ने यह कड़ा कदम उठाया है।
चीन ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण कर रहा: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने का चीन का कदम अफसोसजनक है। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है। यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण कर दिया है। भारतीय दूतावास के प्रभारी वहां के वरिष्ठतम राजनयिक हैं क्योंकि राजदूत प्रदीप रावत ने अभी कार्यभार नहीं संभाला है।
यातना देने का मामला: बागची ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि गलती से चीन की तरफ गए अरुणाचल प्रदेश के युवक को चीनी सेना द्वारा यातना दिए जाने के मुद्दे को भी चीन के समक्ष उठाया है। अरुणाचल प्रदेश के सियांग से 17 वर्षीय मिराम तारोन 18 जनवरी को लापता हो गया था। खबरें आई थी कि उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास लुंगटा जोर क्षेत्र में चीनी सेना ने उस समय अगवा कर लिया था जब वह अपने मित्र जॉनी यायिंग के साथ शिकार पर था। यायिंग वहां से बच निकला था।
पिता ने कहा था यातना दी: चीनी सेना ने 27 जनवरी को मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया था। मिराम के पिता ओपांग तारोन ने कहा था कि चीनी सेना की हिरासत के दौरान मिराम को बांध कर रखा गया और उसे हल्का बिजली का झटका दिया गया।
राहुल के आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं : लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के बारे पूछे जाने पर कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन को साथ लाने का काम किया है, बागची ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। बागची ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही प्रतिक्रिया दे चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, विदेश मंत्रालय का ट्वीट स्वत: स्थिति स्पष्ट करने वाला है। उन्होंने संसद की चर्चा के बाद ट्वीट किया। मुझे और कुछ नहीं कहना है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं।