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कहा- एक वर्ग की आबादी बढ़ने की रफ्तार ज्यादा न हो जाए, ऐसा हुआ तो अराजकता फैलेगी
“जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा, वहां असंतुलन की चिंता”
योगी ने कहा, “जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है। वहां असंतुलन चिंता का विषय है, क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर उल्टा असर पड़ता है। एक समय के बाद वहां अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है।”
उन्होंने कहा, “जब हम परिवार नियोजन की बात करते हैं तो हमें ध्यान में रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी पैदा न होने पाए।”
“एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ज्यादा”
योगी ने कहा, “जनसंख्या रोकने की कोशिश में सभी मजहब, वर्ग, संप्रदाय को एकसमान रूप से जोड़ा जाना चाहिए। एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ज्यादा हैं। अगर दो बच्चों के जन्म के बीच अंतराल कम है तो इसका असर मातृ और शिशु मृत्यु दर पर भी पड़ेगा।”
सीएम ने कहा कि इसे रोकने के लिए धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। इसमें सामूहिक कोशिशों से ही सफलता मिलेगी।
“100 करोड़ होने में लाखों साल लगे, 183 साल में बढ़े 400 करोड़”
योगी ने कहा, “मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों साल लगे, लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 साल ही लगे। इस साल के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है।”
उन्होंने कहा, “आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है। यूपी सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहां अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी।”
कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को परिवार नियोजन के लिए सीएम योगी ने शगुन किट दी। जूट बैग से बने शगुन किट में तौलिया, आशा और एएनएम के मोबाइल नम्बर, कंडोम किट, गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भ जांच किट रखी गई है।
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण का ड्राफ्ट तैयार
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून से जुड़ा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य मित्तल ने 16 अगस्त 2021 को सीएम योगी को यह ड्राफ्ट सौंपा था।
ड्राफ्ट की अहम बातें:
- दो बच्चे वालों को ग्रीन और एक बच्चे वाले को गोल्ड कार्ड दिया जाए। ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें दस्तावेज बार-बार न दिखाने पड़े।
- ट्रांसजेंडर बच्चे को दिव्यांग माना जाए। दो बच्चों में एक के ट्रांसजेंडर होने पर परिवार को तीसरे बच्चे की छूट होगी।
- दो बच्चों तक परिवार सीमित करने वाले जो अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं। उन्हें दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट जैसी सुविधाएं दी जाएं।
- नीति का पालन नहीं करने वालों को जिला पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोका जाए। किसी भी सब्सिडी योजना का लाभ नहीं दिया जाए।
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