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नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें, पुल और सुरंगें न केवल सामरिक जरूरतों को पूरा करती हैं बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों की देश के विकास में भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित कर राष्ट्र को आकस्मिक स्थिति से निपटने में सक्षम बनाती हैं।
राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा दुर्गम तथा दूर दराज के इलाकों में पूरी की गयी सड़क और पुलों की 27 परियोजनाओं का मंगलवार को यहां वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता का इतिहास उठाकर देखा जाये तो पाएंगे कि वही समुदाय, समाज या राष्ट्र दुनिया को मार्ग दिखा पाने में समर्थ हुए हैं, जिन्होंने स्वयं अपने मार्गों का मजबूती से विकास किया है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा, ‘आज के अनिश्चितता के माहौल में किसी प्रकार के संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थितियां हमें इन इलाकों के विकास के लिए और भी प्रेरित करती हैं। यह गर्व का विषय है कि इन इलाकों के विकास में सहयोग के लिए हमारे पास बीआरओ जैसा एक कुशल और समर्पित संगठन है। हाल का ही उदाहरण ले लें। पिछले दिनों उत्तरी सेक्टर में हमें जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, और जिस प्रकार हम दुश्मन का दृढ़ता से मुकाबला करने में सक्षम रहे, वह बिना उपयुक्त ढांचागत विकास के संभव नहीं हो सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘ सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें न केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में, दूरदराज के क्षेत्रों की भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती हैं। इस तरह ये पुल, सड़कें और सुरंगें, हमारी सुरक्षा, और संपूर्ण राष्ट्र को सशक्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।’ इसके अलावा इनसे सीमाई इलाकों में घुसपैठ, झड़प, अवैध व्यापार और तस्करी आदि समस्याओं से निपटने में भी मदद मिलती है। राजनाथ ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बनायी गयी सड़कों, पुलों तथा सुरंगों ने स्थानों के बीच की दूरी और समय बहुत कम कर दिया है। यानी सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोग दिल के पास तो हैं ही, दिल्ली के पास भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमाई इलाकों के विकास की जरूरतों पर ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर काम किया है और इसमें बीआरओ का योगदान अभूतपूर्व है।
राजनाथ ने कहा कि और अब इसके लिए बाहर से मदद लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात यह है कि इन दुर्गम क्षेत्रों में भी अब बीआरओ यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग और रेस्तरां तथा चिकित्सा केंद्र भी बना रहा है।