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दोआबा-माझा से सरकार वापसी की उम्मीद, मालवा ने बढ़ाई नेताओं की टेंशन, सिद्धू गैरहाजिर
पंजाब चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद चंडीगढ़ में कांग्रेस का मंथन हुआ। जिसमें CM चन्नी समेत कई मंत्री नजर आए लेकिन पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू गैरहाजिर रहे। मंथन के दौरान कांग्रेस को दोआबा और माझा से सरकार वापसी की उम्मीद लग रही है। हालांकि मालवा में बढ़े मतदान से टेंशन भी बरकरार है। अब सबकी नजर 10 मार्च को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है।
इस मीटिंग में पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश चौधरी, सीएम चरणजीत चन्नी, डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा, परगट सिंह, तृप्त राजिंदर बाजवा और भारत भूषण आशु समेत कुछ और बड़े नेता नजर आए।
कांग्रेस का आकलन : माझा-दोआबा में बढ़त, मालवा में नुकसान
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आकलन कर रही है कि दोआबा में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। यहां 23 सीटें हैं, जिनमें पिछली बार 15 सीटें जीती थी। इस बार कांग्रेस को यहां से 18 से 20 सीटें जीतने की उम्मीद है। माझा में पिछली बार कांग्रेस 25 में से 22 सीटें जीती थी। इस बार कांग्रेस को प्रदर्शन दोहराने की आस है।
मालवा में पिछली बार कांग्रेस 69 में से 40 सीटें जीती थी। यहां बंपर वोटिंग हुई है, इसलिए कांग्रेस को नुकसान की चिंता है। हालांकि यह भी अनुमान है कि भले ही वह पिछली बार की तरह 40 सीटें न जीतें लेकिन कुछ नई सीटें जीत सकते हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि सीएम चन्नी के चलते कुछ एससी वोट बैंक जरूर उनके हक में आएगा। पिछली बार कांग्रेस को 77 सीटें मिली थी, इस बार कांग्रेस का फोकस बहुमत के 59 के आंकड़े तक पहुंचना है।
सिद्धू को दरकिनार कर चन्नी पर खेला दांव
कांग्रेस ने इस चुनाव में नवजोत सिद्धू को दरकिनार कर दिया था। वह लगातार सीएम चेहरे पर दावेदारी ठोक रहे थे। कांग्रेस ने सिद्धू की जगह CM चरणजीत चन्नी पर दांव खेला। इसकी बड़ी वजह दोआबा का वोट बैंक है। जिसमें फिलहाल चन्नी फैक्टर नजर आया है। हालांकि पंजाब के मतदाताओं ने क्या फैसला किया, इसका पता 10 मार्च को ही चलेगा।