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दुनियाभर में ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी और डॉलर बेतहाशा मजबूत होने का सीधा असर सोने पर हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 15 माह और घरेलू बाजार में 5 महीनों के निचले स्तर पर आ गया है। विश्लेषकों के मुताबिक यह गिरावट जारी रह सकती है और अगले 3-6 महीनों में सोना 48,000 रुपए प्रति 10 ग्राम का लेवल देख सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को सोना बीते एक महीने में 143 डॉलर (7.8%) गिरकर 1,700 डॉलर प्रति आउंस के सपोर्ट लेवल से नीचे आ गया। घरेलू बाजार पर भी इसका असर देखा गया। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक सराफा में सोना 49,970 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया। इससे पहले सोना इसी साल फरवरी में 50,000 से नीचे आया था।
करीब 23 महीने पहले 7 अगस्त 2020 को यह 56,126 रुपए के रिकॉर्ड लेवल पर था।घरेलू बाजार के मुकाबले इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा गया है। इसी साल मार्च में सोना 2,078 डॉलर प्रति आउंस के रिकॉर्ड लेवल पर था। बीते चार महीनों में इसमें 18% से ज्यादा करीब 388 डॉलर प्रति आउंस की गिरावट आ चुकी है। इसके मुकाबले भारतीय बाजार में रिकॉर्ड लेवल से 10% से भी कम गिरावट देखी गई और इसमें 23 महीनों का वक्त लगा।
… तो 40,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से भी नीचे आ जाता सोना
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के मुताबिक, रुपए की कमजोरी और आयात शुल्क बढ़ने से सोने को सपोर्ट मिल रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया यदि एक साल पहले के स्तर पर होता तो देश में सोना 40,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से भी नीचे आ जाता। 21 जुलाई 2021 को रुपया 74.52 पर था, जो अभी 80 पर है।
निकट भविष्य में सोने के दाम बढ़ने की संभावना कम
इन्वेस्को में वैश्विक बाजार की मुख्य रणनीतिकार क्रिस्टीना हूपर ने कहा, ‘डॉलर में मजबूती जारी रहने की संभावना है।’ इसका सीधा मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम और घटने की आशंका है। घरेलू बाजार को लेकर अजय केडिया का कहना है कि अगले तीन महीनों तक गिरावट जारी रह सकती है।
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