Politics News
लुम्बिनी /कुशीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी पहुंचकर भारत और नेपाल के रिश्तों को नई मजबूती दी। उन्होंने कहा, दोनों देशों का रिश्ता हिमालय जैसा अटल और पुराना है। हम अपने स्वाभाविक रिश्तों को और ऊंचाई देंगे। इस दौरान सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने, शिक्षा क्षेत्र में सहयोग और पनबिजली क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर छह अहम समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हुए।
प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा के साथबातचीत में बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी में नए क्षेत्रों को तलाशने तथा मौजूदा सहयोग को मजबूत बनाने के सभी आयामों पर चर्चा हुई। इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी ने लुम्बिनी में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से द्विपक्षीय वार्ता की। यह हमारी बहुआयामी साझेदारी में जारी सहयोग को मजबूत करने और नए क्षेत्रों की तलाश करने का अवसर है।
इससे पहले, कुशीनगर से लुम्बिनी पहुंचे मोदी ने नेपाली शेर बहादुर देउबा के साथ माया मंदिर में पूजा-अर्चना की। बोधि वृक्ष की पूजा के बाद होटल में 50 भारतीयों से मिले। इसके बाद वह बुद्ध जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे।
अविस्मरणीय पल:मोदी ने कहा कि माया देवी मंदिर में दर्शन करना उनके लिए अविस्मरणीय है। वह जगह जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहां की ऊर्जा और चेतना ने अलग अहसास कराया। उन्हें 2014 में बोध गया से भेजे बोधिवृक्ष के पौधे को वृक्ष बनते देख खुशी हुई। उन्होंने कहा कि पशुपति नाथ, मुक्तिनाथ, जनकपुर धाम और अब लुम्बिनी। हर जगह उन्हें आध्यात्मिक आशीर्वाद मिला है।
दुनिया तक संदेश : मोदी ने कहा कि भारत-नेपाल के बीच साझी विरासत, साझी संस्कृति, आस्था व प्रेम है। यही सबसे बड़ी पूंजी है। यह पूंजी जितनी समृद्ध होगी, हम साथ मिलकर दुनिया में उतने ही प्रभावी ढंग से भगवान बुद्ध के संदेश को पहुंचा सकते हैं। इस समय जो वैश्विक हालात बन रहे हैं, उसमें भारत-नेपाल की निरंतर मजबूत होती मित्रता संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी।
और पढ़े starnewshindi.com/2022/05/aaj-se-3-day-district-tour-par-cm-3.html